Flight Ticket Price: मई जून के महीने में हुए फ्लाइट्स के किराए में अचानक इजाफे को लेकर विमानन मंत्री ने कहा है कि उनकी नजर इन चीजों पर बराबर बनी हुई हुई है. कुछ सेग्मेंट्स में अचानक से किराए में तेजी देखी गई, जिसे लेकर मंत्रालय ने एयरलाइंस को जरूरी एडवायजरी भी जारी कया. इसके बाद देखा जा सकता है कि फ्लाइट्स के टिकट की कीमतें वापस से रेंज में आने लगी हैं. हालांकि एविएशन मिनिस्ट्री ने ये भी साफ किया कि फ्लाइट के टिकटों का मौजूदा दाम मार्केट तय करती है, इसके ऊपर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं और सरकार का मौजूदा रेग्यूलेशन फ्रेमवर्क को बदलने का कोई इरादा नहीं है.

सरकार ने सदन में दिया ये जवाब 

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लोक सभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में एविएशन मिनिस्टर ज्योदिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya M. Scindia) ने कहा कि फ्लाइट के कीमतें बाजार तय करती है, इस पर सरकार का कोई दखल नहीं देती है. फ्लाइट्स के टैरिफ को तय करते के लिए एयरलाइंस फ्री हैं, जिसके लिए वे लागत, सर्विस और मुनाफे को ध्यान में रखती हैं. हालांकि इसके लिए उन्हें एयरक्राफ्ट रूल्स, 1937 (Aircraft Rules) के नियमों को मानना होता है. 

नियम बदलने का कोई इरादा नहीं

मंत्रालय ने बताया कि एविएशन रेगुलेटर DGCA फ्लाइट्स की कीमतों पर नजर रखने के लिए टैरिफ मॉनिटरिंग यूनिट को भी स्थापित की है, जो कि बीच-बीच में टिकट की कीमतों पर नजर रखती है. कुछ सेक्टरो में फ्लाइट की कीमतों में मौजूदा इजाफा भी मंत्रालय की नजर में थी. जिसके लिए एयरलाइंस को जरूरी गाइडलाइंस भी जारी की गई. 

हालांकि मंत्रालय ने ये साफ कर दिया कि फ्लाइट टिकटों को रेगुलेट करने को लेकर जो मौजूदा फ्रेमवर्क तय है, उसमें बदलाव करने का सरकार का कोई इरादा नहीं है.

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