देश में हवाई यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या काफी तेजी से बढ़ी है लकिन पिछले कुछ समय में रद्द होने वाली उड़ानों ने भी रिकॉर्ड बनाया है. नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) की ओर से हाल ही में जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2017 के मुकाबले फरवरी 2019 में रद्द उड़ानों की संख्या 3 गुना बढ़ी है. यह माना जा रहा है कि यदि जेट एयरवेज के हालात जल्द नहीं सुधरते हैं और बोइंग 737 मैक्स विमानों पर प्रतिबंध जारी रहता है तो रद्द उड़ानों की संख्या 04 गुना तक पहुंच सकती है. हिंदी के अखबार हिंदुस्तान की रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है.

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उड़ानें रद्द होने से परेशान हुए यात्री

DGCA के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2017 में हर एक हजार उड़ान पर सिर्फ एक उड़ान रद्द हो रही थी. वहीं 2018 में यह संख्या बढ़कर दो गुना हो गई. जनवरी और फरवरी के आंकड़ों में रद्द होने वाली उड़ानों की संख्या प्रति हजार 3 हो गई. माना जा रहा है कि मार्च में यह संख्या और बढ़ सकती है.  

वर्ष 2017 में 1.68 लाख यात्री उड़ान रद्द होने से प्रभावित हुए

आए दिन उड़ानों के रद्द होने से बड़ी संख्या में यात्री प्रभावित हुए हैं. वर्ष 2017 में 1.68 लाख यात्री उड़ान रद्द होने से प्रभावित हुए. वहीं 2018 में यह संख्या 3.08 लाख तक पहुंच गई. 2019 के शुरुआती दो महीने में ही 1.17 लाख से अधिक यात्री परेशान उड़ानें रद्द होने से प्रभावित हुए.

यात्रियों को मुश्किल का सामना करना पड़ता है

विमानन उद्योग के जानकारों के अनुसार आने वाले कुछ महीनों में यात्रियों को और मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है. सिविल एविएशन विशेषज्ञों के मुताबिक, मार्च माह में प्रभावित यात्रियों की संख्या 2017 के रिकॉर्ड को पार कर जाएगी.

हर विमानन कंपनी के यात्री रहे परेशान

ऐसा नहीं है कि किसी एक विमानन कंपनी के यात्रियों को उड़ानें रद्द होने से परेशान होना पड़ा. आर्थिक संकट से गुजर रहे एयरलाइंस जेट एयरवेज की उड़ानें जहां आए दिन रद्द रहीं वहीं एयर इंडिया के यात्रियों को भी ऐसी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. इंडिगो और स्पाइस जेट ने भी कुछ उड़ानों को रद्द किया. बोइंग 737 मैक्स उड़ानों के ग्राउंड किए जाने से स्पाइस जेट और जेट ऐयरवेज की मुश्किल और बढ़ गई.