Indian Aviation Sector: सिविल एविएशन मिनिस्टर के राममोहन नायडू ने बुधवार को एविएशन क्षेत्र की वृद्धि की संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत को वैश्विक एविएशन केंद्र बनाने के साथ-साथ देश में विमानों का विनिर्माण शुरू करने के प्रयास जारी हैं. नायडू ने कहा कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र वैश्विक एविएशन वृद्धि का नेतृत्व करने के लिए तैयार है और इसके साथ बुनियादी ढांचे में रणनीतिक निवेश और क्षेत्रीय हितधारकों के बीच सहयोग पूरे क्षेत्र में पर्यावरण अनुकूल वृद्धि हासिल करने के लिए महत्वपूर्ण है. 

इनोवेशन पर होगा फोकस

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नायडू ने बुधवार को यहां नागर एविएशन पर दूसरे एशिया-प्रशांत मंत्रिस्तरीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए इस क्षेत्र की वृद्धि के लिए तीन तत्वों - बुनियादी ढांचे, एकीकरण और नवाचार - पर जोर दिया. 

उन्होंने कहा, "मेरा मंत्रालय देश में निर्बाध एविएशन परिदृश्य स्थापित करने के दृष्टिकोण के साथ काम कर रहा है, जिसमें क्षेत्रीय संपर्क योजना उड़ान के अंतर्गत बड़े विमानों के साथ-साथ हेलिकॉप्टर और समुद्री विमान (सीप्लेन) संचालन को एकीकृत किया जा रहा है." 

दोगुना हो गया डोमेस्टिक एयरलाइन कंपनियों का बेड़ा

भारत विश्व के सबसे तेजी से बढ़ते नागर एविएशन बाजारों में से एक है और घरेलू एविएशन कंपनियों के बेड़े का आकार 2014 के 400 से बढ़कर अब लगभग 800 हो गया है. इसी अवधि के दौरान घरेलू यात्रियों की संख्या 6.7 करोड़ से बढ़कर अब 15.2 करोड़ हो गई है. 

2047 तक देश में होंगे 400 एयरपोर्ट

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "परिचालन वाले हवाई अड्डों की संख्या 2014 के 74 से बढ़कर अब 157 हो गई है. हमारे पास 2047 तक इसे 350-400 हवाई अड्डों तक बढ़ाने की महत्वाकांक्षी योजना है." 

उन्होंने कहा कि देश घरेलू और अंतरराष्ट्रीय एयरलाइन कंपनियों को लागत प्रभावी और उच्च गुणवत्ता वाली एमआरओ (रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल) सेवाएं प्रदान करने की अच्छी स्थिति में है. नायडू ने कहा कि सरकार स्वदेशी उत्पादन क्षमता बढ़ाने तथा देश में ही विमान विनिर्माण शुरू करने की दिशा में काम कर रही है.