विमानन नियामक डीजीसीए ने अयोग्य चालक दल के सदस्यों के साथ उड़ान संचालित करने के लिए एअर इंडिया पर 90 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. इसके अलावा, नियामक ने इस चूक के लिए एअर इंडिया के परिचालन निदेशक तथा प्रशिक्षण निदेशक पर क्रमश: छह लाख रुपये और तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. गौरतलब है कि इससे पहले मार्च 2024 में एअर इंडिया लिमिटेड पर डीजीसीए ने 80 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था.विमानन नियामक ने एयरलाइन कंपनी को पायलटों को लंबी दूरी की उड़ान से पहले जरूरी आराम नहीं देने जैसे नियमों का उल्लंघन करने का दोषी पाया था.

संबंधित पायलट को किया गया आगाह, हो सकते थे गंभीर सुरक्षा परिणाम

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डीजीसीए की प्रेस रिलीज के मुताबिक, नागरिक विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने संबंधित पायलट को आगाह किया कि भविष्य में ऐसी घटना न हो. इसमें कहा गया, ‘एयर इंडिया लिमिटेड ने एक ‘नॉन-ट्रेनर लाइन कैप्टन’ द्वारा संचालित उड़ान का संचालन किया, जिसे एक ‘नॉन-लाइन-रिलीज’ प्रथम अधिकारी के साथ जोड़ा गया था. नियामक ने इसे एक गंभीर ‘शेड्यूलिंग’ घटना पाया है जिसके गंभीर सुरक्षा परिणाम हो सकते हैं.’ 

22 जुलाई को एअर इंडिया को जारी किया गया था कारण बताओ नोटिस

एयरलाइन द्वारा 10 जुलाई को प्रस्तुत स्वैच्छिक रिपोर्ट के जरिये घटना के संज्ञान में आने के बाद नियामक ने एयरलाइन के परिचालन की जांच की, जिसमें दस्तावेजों आदि की जांच शामिल थी. प्रेस रिलीज में कहा गया, ‘जांच के आधार पर प्रथम दृष्टया यह पता चला है कि कई पदधारकों तथा कर्मचारियों द्वारा विनियामक प्रावधानों का उल्लंघन किया गया जिससे सुरक्षा पर काफी असर पड़ सकता है.’ फ्लाइट के कमांडर और एयर इंडिया के कुछ अधिकारियों को 22 जुलाई को कारण बताओ नोटिस दिया गया था. 

DGCA ने कहा है कि एयर इंडिया को अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया, लेकिन उनका जवाब संतोषजनक नहीं था. इसके बाद नियामक डीजीसीए ने मौजूदा नियमों / विनियमों के प्रावधानों के अनुसार प्रवर्तन कार्रवाई शुरू की है और एयरलाइन कंपनी पर जुर्माना लगाया है.

भाषा के इनपुट के साथ