मिथिला में एयरपोर्ट का सपना जल्द पूरा होने जा रहा है. दरभंगा से विमान सेवा शुरू करने की पहल तेज कर दी गई है. दरभंगा एयरपोर्ट के आंतरिक टर्मिनल रनवे का शिलान्यास 24 दिसंबर को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार करेंगे. विमानन मंत्री सुरेश प्रभु इस दौरान मौजूद रहेंगे. इसके साथ दरभंगा नरेश का सपना एक बार फिर साकार होगा क्योंकि उन्होंने सबसे पहले यहां दरभंगा एविएशन की स्थापना की थी, हालांकि 1962 में भारत सरकार ने उसका अधिग्रहण कर लिया. दरभंगा से सीधे उड़ान के लिए ब्लू प्रिंट तैयार है. रिजिलन कनेक्टिविटी योजना के तहत बिहार का ये पहला एयरपोर्ट होगा. उत्तर बिहार के साथ ही नेपाल के लोगों के लिए भी दरभंगा एयरपोर्ट कनेक्टिविटी का मुख्य साधन होगा. 

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तय योजना के मुताबिक जुलाई 2019 में यहां से विमानन सेवा शुरू हो जाएगी. इसके बाद दरभंगा से दिल्ली का सफर चार घंटे में किया जा सकेगा. यहां से दिल्ली के अलावा मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरू, हैदराबाद, पुणे और अहमदाबाद के लिए फ्लाइट ली जा सकेगी. इस एयरपोर्ट के बनने से मधुबनी, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मोतिहारी और बेतिया के यात्रियों को लाभ होगा.

दरभंगा एयरपोर्ट की शुरुआत उड़ान योजना के तहत की जा रही है. केंद्र की मोदी सरकार ने छोटे शहरों को हवाई संपर्क से जोड़ने के लिए उड़ान (UDAN) योजना की शुरुआत की है. UDAN योजना का पूरा नाम है- उड़े देश का आम नागरिक. इस योजना का मकसद छोटे शहरों में सस्ती हवाई सेवा उपलब्ध कराना है. इसके तहत टियर 2 और टियर 3 शहरों में एयरपोर्ट विकसित किए जा रहे हैं.

दरभंगा में लंबे समय से एयरपोर्ट की मांग की जा रही थी और ऐसे में ये स्थानीय लोगों के लिए किसी सपने के साकार होने जैसा होगा. दरभंगा के राजा ने यहां 1950 में दरभंगा एविएशन की शुरुआत की थी. 1962 में भारत-चीन युद्ध के समय इस एयरलाइंस का भारत सरकार ने अधिग्रहण कर लिया.