भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण (एएआई) मध्य-पूर्व और दक्षिण एशियाई देशों के साथ ट्रैफिक राइट के लिए द्विपक्षीय वार्ता में उठाए गए पहले मसले के मद्देजनर अपने अधिक हवाई अड्डों को विदेशी उड़ान के लिए शामिल करना चाहता है. सार्वजनिक क्षेत्र की एजेंसी एएआई ने इस मसले को नागरिक उड्डयन सचिव प्रदीप सिंह खरोला के साथ बैठक में उठाया, लेकिन उसे तत्काल जवाब नहीं मिला क्योंकि नागरिक उड्डयन सचिव ने कहा कि इस प्रकार का कदम द्विपक्षीय हितों और पारस्परिक आदान-प्रदान पर निर्भर करता है. 

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खरोला के मुताबिक, "इसमें अन्य देशों के साथ द्विपक्षीय हित जुड़ा होता है और इस प्रकार की किसी रियायत का विस्तार करते समय परस्पर आदान-प्रदान व हितों का संतुलन सुनिश्चित करने के लिए अलग-अलग मामले के आधार पर संबंधित विभाजन द्वारा परीक्षण करने की आवश्यकता होती है."

एएआई के एक अधिकारी ने कहा कि उसके कई हवाई अड्डों के पास अधिक यात्रियों और एयरलाइंस का संचालन करने की काफी क्षमता है. उन्होंने कहा कि जहां तक अपर्याप्त यात्री व मालवाहक यातायात की बात है तो हवाई अड्डे की क्षमता का कम उपयोग हो रहा है. 

भारत के जिन 27 शहरों से अंतर्राष्ट्रीय उड़ान का इस समय संचालन हो रहा है उनमें से दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरू और कोच्चि में 70 फीसदी हवाई यातायात है. सरकार ने विभिन्न देशों के साथ ट्रैफिक राइट्स के लिए द्विपक्षीय वार्ता की है. हालांकि इसमें एएआई की कोई भूमिका नहीं है लेकिन बतौर पर्यवेक्षक हम वार्ता का हिस्सा हो सकते हैं.

एएआई 125 हवाई अड्डों का प्रबंधन करता है जिनमें 18 अंतर्राष्ट्रीय, सात कस्टम, 78 घरेलू हवाई अड्डे और 26 प्रतिरक्षा वायुक्षेत्र में नागरिक एनक्लेव हैं.