विमानन कंपनियां 5 तरह के शुल्कों में वृद्धि कर अपनी आय बढ़ाने की तैयारी कर रही हैं
बढ़ती तेल की कीमतों और नियंत्रित हवाई किरायों के बीच एयरलाइन्स पर काफी आर्थिक दबाव पड़ रहा है. ऐसे में तमाम एयरलाइन्स हवाई किरायों से नही बल्कि दूसरे तरीकों से चुपके से आपकी जेब ढीली करने की योजना बना रही हैं.
बढ़ती तेल की कीमतों और नियंत्रित हवाई किरायों के बीच एयरलाइन्स पर काफी आर्थिक दबाव पड़ रहा है. ऐसे में तमाम एयरलाइन्स हवाई किरायों से नही बल्कि दूसरे तरीकों से चुपके से आपकी जेब ढीली करने की योजना बना रही हैं. सूत्रों के मुताबिक, एयरलाइन्स ancilliary रेवेन्यू बढ़ाने के लिए प्लान पर काम कर रही है. Ancilliary रेवेन्यू यानी सीधे हवाई किराये न बढ़ कर अन्य दूसरे तरीको से कमाई करना होता है.
ये सुविधाएं महंगी हांगी
Ancilliary रैवेन्यू के जरिये हवाई मुसाफिर को यूं तो सीधे हवाई किराया ज़्यादा नज़र नही आता लेकिन टिकट बुकिंग करने जे बाद तमाम और जरियों से आपकी जेब से एयरलाइन्स करती है कमाई. Ancilliary रेवेन्यू को बढ़ाने के लिए एयरलाइन्स 5 बड़े कदमो पर फोकस कर रही है, जिसके तहत हवाई टिकट कैंसलेशन,यात्रा को रेशेड्यूल करना, ऑनबोर्ड मील्स या खान पान, बैगेज का शुल्क बढ़ाना, कार्गो या फिर अतिरिक्त सामान को शिपमेंट करना शामिल है.
टिकट कैंसिल कराने पर 50% से ज्यादा किराया वापस नहीं होगा
सूत्रों के मुताबिक, ज़्यादा कमाई के इस आंख मिचौली के खेल एयरलाइन्स सामने से तो आकर्षक airfare देती है लेकिन साथ में ये भी की अगर आप टिकट कैंसिल या फिर रेशेड्यूले करते है तो 50% से भी ज़्यादा किराया वापिस नही होगा. दूसरा, ज़्यादातर airfare पर ऑनबोर्ड मील शामिल नही होता लेकिन एयरपोर्ट या फिर हवाई यात्रा के दौरान कोल्ड ड्रिंक से लेकर सैंडविच है फिर कोई भी अन्य खान पान का सामान 4-5 गुने दाम पर बेचा जाता है. इसी के साथ हाल में एयरलाइन्स बैगेज को लेकर काफी सख्त की गई है.
नए मॉडल पर काम कर रहीं हैं कंपिनियां
एयरलाइन्स एक नए मॉडल पर काम कर रहा है जिसमे सिर्फ हैंड बैगेज अपने साथ ले जाने पर आपको सस्ता या आकर्षक एयर टिकट देने का दावा होता है, इसमें ऑनबोर्ड मील भी शामिल नही है. लेकिन एयरपोर्ट ओर हैंड बैगेज की तय लिमिट जिसपर 7 किलो तक छूट है, उससे ज़्यादा होने पर आपको अतिरिक्त शुल्क दिन होगा.
कार्गो से कमाई की योजना
बढ़ते कम्पटीशन और घटती कमाई के बीच अब एयरलाइन्स कार्गो की तरफ भी ध्यान दे रही है और कार्गो के जरिये भी रेवेनुए बढ़ाने पर विचार कर रही हैं. एयरलाइन्स सूत्रों के मुताबिक - एयरलाइन्स का मंत्रा साफ है कि बुकिंग ज़्यादा से ज़्यादा हो बाकी कमाई का जरिया बैकडोर होगा. एयरलाइन्स भी बखूबी जानती है कि एयर टिकट के दाम बढ़ाने से डिमांड घाट सकती है और बढ़ती तेल की कीमतों के बीच डिमांड का घटना कंपनियों की मुश्किल बढ़ा देगा.
आपरेशनल प्रॉफिट में नही हैं एयरलाइंस
लगभग सभी एयरलाइन्स का एवरेज ancilliary रेवेनुए 16% है जिसको बढ़ाकर के 25% या इससे ज़्यादा ले जाने का लक्ष्य है. ये बात सबके सामने है कि मौजूदा समय मे कोई भी एयरलाइन्स, आपरेशनल प्रॉफिट में नही है.