आने वाले समय में आप अगर फ्लाइट से यात्रा की प्लानिंग कर रहे हैं तो आपको जेब अधिक ढीली करनी पड़ सकती है. दरअसल इस माह से विमान ईंधन यानी जेट फ्यूल (ATF) की कीमत में सीधे 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो गई है. इसका सीधा असर एयरलाइन कंपनियों के परिचालन खर्च पर बढ़ोतरी के रूप में होगा. ऐसे में एयरलाइन कंपनियां किराये में बढ़ोतरी कर सकती हैं. 

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ये भी है एक अहम वजह

पिछले कुछ समय से जेट एयरवेज और इंडिगो एयरलाइन अपने कई फ्लाइट रद्द कर रही हैं. हालांकि इसके पीछे कारण इन कंपनियों का आंतरिक है. ऐसे में जाहिर है सीटों की संख्या में कमी आएगी, लिहाजा लागत बढ़ने की आशंका में हवाई सफर महंगा हो सकता है. एयरएशिया इंडिया के मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) संजय कुमार ने एक ट्वीट में कहा कि एटीएफ की कीमतें मार्च में फिर से 10 फीसदी बढ़ने जा रही हैं. यह पहले से ही तंग विमानन उद्योग के लिए अच्छा नहीं है. इसका असर हो सकता है.

विमान ईंधन की कीमत

विमान ईंधन किसी भी एयरलाइन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है. जहां तक कीमत की बात है तो इसे महज एक उदाहरण से समझा जा सकता है. अगर बात घरेलू उड़ानों की करें तो दिल्ली और मुंबई में विमान ईंधन के एक किलो लीटर की कीमत क्रमशः 58,060.97 रुपये और 58,017.33 रुपये है. हालांकि नवंबर में दिल्ली और मुंबई में विमान ईंधन की कीमतें क्रमश: 76,378.80 रुपये और 76,013.2 रुपये प्रति किलो लीटर थीं. 

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किराया तय करना आसान नहीं

भारत में हवाई किराया दुनिया के बाकी देशों के मुकाबले सस्ता है. इकोनॉमिक टाइम्स की खबर के मुताबिक, उदाहरण के लिए मुंबई से दिल्ली का जितना औसत किराया है, इतनी ही दूरी में सैन फ्रांसिस्को से सिएटल का किराया सीधे तीन से चार गुणा अधिक है. एयरलाइन कंपनियों का कहना है कि भारत में महज 200 रुपये किराये बढ़ाने से यात्री तुरंत सस्ती एयरलाइन का रुख कर लेते हैं. ऐसे में लागत को ध्यान में रखते हुए किसी भी एयरलाइन के लिए किराया तय करना इतना आसान नहीं है.