एअर इंडिया एक्सप्रेस (Air India Express) के पैसेंजर्स को मंगलवार रात अचानक से काफी परेशानी का सामना करना पड़ा, क्योंकि एयरलाइन के 300 से अधिक केबिन स्टाफ ने बीमारी की बात कहकर सेवा पर आनेसे इंकार कर दिया. इसके चलते एयरलाइन को करीब 80 उड़ानों को रद्द करना पड़ा. Air India Express के अचानक विमानों के कैंसिल किए जाने केरल के विभिन्न एयरपोर्ट्स पर इसके खिलाफ नाराज पैसेंजर्स के प्रदर्शन को लेकर कांग्रेस और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (BKP) ने बुधवार को सिविल एविएशन मिनिस्टर को तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की है.

सिविल एविएशन मिनिस्ट्री से हस्तक्षेप की मांग

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राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी.डी. सतीशन ने केंद्रीय सिविल एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया को पत्र लिखकर पैसेंजर्स की समस्या का उल्लेख किया और प्रभावित लोगों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के लिहाज से उनसे तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध किया. 

सतीशन ने पत्र में लिखा कि बड़ी संख्या में यात्रियों को हवाईअड्डे पर पहुंचने के बाद उड़ान रद्द होने के बारे में पता चला. उन्होंने कहा कि पश्चिम एशिया की ओर जाने वाले अनेक लोगों को उनकी नौकरी जाने का डर है क्योंकि वे समय पर नहीं पहुंच पाएंगे.

पैसेंजर्स को हो रही दिक्कत

सतीशन ने कुछ खबरों के हवाले से कहा कि विमानन कंपनी ने हवाईअड्डों पर फंसे हुए यात्रियों को भोजन और ठहरने संबंधी सुविधा प्रदान करने का शिष्टाचार भी नहीं दिखाया. 

भाकपा के राज्य सचिव बिनय विश्वम ने भी सिविल एविएशन मंत्रालय से यात्रियों की समस्याओं का समाधान करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप का अनुरोध किया. उन्होंने एक बयान में कहा कि एअर इंडिया एक्सप्रेस की 70 से अधिक उड़ान रद्द होने के बाद देश के अनेक हवाईअड्डों पर हजारों यात्री फंसे हुए हैं. 

विश्वम ने कहा, "इससे उन लोगों की रोजगार संबंधी संभावनाओं पर भी असर पड़ा है जो विदेश में नौकरी करना चाहते हैं या जिन्हें छुट्टियों के बाद काम पर लौटना है."

क्यों छुट्टी पर जा रहे हैं कर्मचारी

उन्होंने कहा कि विमानन कंपनी के अनुसार एअर इंडिया एक्सप्रेस के चालक दल के सदस्यों के सामूहिक अवकाश लेने की वजह से ऐसे हालात पैदा हुए हैं. विश्वम ने कहा कि एयरलाइन के कर्मचारियों को ऐसा कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि प्रबंधन ने उनकी चिंताओं और समस्याओं को दूर करने की कोशिश नहीं की. 

उन्होंने कहा, "इससे पता चलता है कि सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई एअर इंडिया के निजीकरण का असर न केवल कर्मचारियों पर बल्कि यात्रियों पर भी पड़ा है."