जेट ऐयरवेज के पायलट व इंजीनियरों पर दूसरी कंपनियों की नजर, कम पैकेज का दे रहे हैं ऑफर
जेट ऐयरवेज की खराब आर्थिक हालत के चलते वहां कर्मियों को वेतन मिलने में आ रही मुश्किल का फायदा अन्य विमानन कंपनियां उठाने का प्रयास कर रही हैं. बजट विमानन कंपनी स्पाइस जेट, जेट ऐयरवेज के इंजीयनियरों व पायलटों को उनको वर्तमान में मिल रहे वेतन से कम पर नौकरी देने का प्रस्ताव दे रही है.
जेट ऐयरवेज की खराब आर्थिक हालत के चलते वहां कर्मियों को वेतन मिलने में आ रही मुश्किल का फायदा अन्य विमानन कंपनियां उठाने का प्रयास कर रही हैं. समाचार एजेंसी आईएएनएस की एक रिपोर्ट के अनुसार घरेलू बजट विमानन कंपनी स्पाइस जेट जेट ऐयरवेज के इंजीयनियरों व पायलटों को उनको वर्तमान में मिल रहे वेतन से कम पर नौकरी देने का प्रस्ताव दे रही है. खबर के अनुसार पायलटों को जेट ऐयरवेज में उनके पैकेज से 30 फीसदी तक कम वेतन ऑफर किया जा रहा है. वहीं इंजीनियरों को 50 फीसदी तक पैकेज पर नौकरी देने की बात कही जा रही है.
पायलटों व इंजीनियरों को नहीं मिल रहे अच्छे ऑफर
कुछ समय पहले तक स्पाइस जेट व अन्य कंपनियां इन्हीं पायलटों व इंजीनियरों को बेहतर पैकेज के साथ कई तरह के भत्ते व बोनस का भी ऑफर कर रही थीं. जेट ऐयरवेज के कर्मियों में यह डर बना हुआ है कि किहीं कंपनी बंद हो गई तो उनका क्या होगा. ऐसे में वो कम पैकेज पर भी कंपनी बदलने को तैयार हो रहे हैं. विमानन उद्योगों के कुछ जानकारों का मानना है कि जेट एयरवेज के कर्मचारियों को इंडस्ट्री के औसत की तुलना में कुछ अधिक अच्छे पैकेज मिल रहे थे.
वर्तमान पैकेज से कम का मिल रहा ऑफर
खबरों के अनुसार वर्तमान समय में सीनियर एयरक्राफ्ट मेंटिनेंस इंजीनियर को जेट ऐयरवेज में जहां 04 लाख तक का पैकेज मिल रहा था. इन्हें स्पाइस जेट में 1.50 से 2 लाख रुपये तक का पैकेज ऑफर किया जा रहा है. हालांकि जेट ऐयरवेज के कर्मियों को अभी भी उम्मीद है कि शायद कंपनी को जल्द ही निवेशक मिल जाएंगे और उनकी नौकरियां सुरक्षित बनी रहेंगी.
जेट ऐयरवेज के कर्मियों को अभी भी है उम्मीद
खबरों के अनुसार विमानन कंपनियां जेट के पायलटों से नौकरी देने के साथ ही तीन से पांच साल का कांट्रेक्ट करने का भी ऑफर कर रही हैं. जिसे पायलट स्वीकार नहीं करना चाहते. जेट ऐयवरेज के एक वरिष्ठ पायलट के अनुसार जेट ऐयरवेज में कर्मचारियों को समय पर वेतन न मिलने से लोगों की मुश्किल बढ़ रही है. कर्मचारियों की अपनी हर महीने की किश्तें हैं अन्य खर्च हैं इन सब के चलते नौकरी बदलने का दबाव बढ़ रहा है. हालांकि अब भी ज्यादातर कर्मियों ने नौकरी नहीं छोड़ने का मन बनाया है.