अगर आप इलेक्ट्रिक कार या इलेक्ट्रिक स्कूटर चलाते हैं या आने वाले समय में आप इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदना चाहते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है. बहुत जल्द अब आप इसे अपने घर में ही चार्ज कर सकेंगे. हाल में इससे संबंधित नियम में बदलाव किए गए हैं ताकि देश में इलेक्ट्रिक वाहन के प्रति लोगों को ज्यादा जागरूक किया जा सके. नियम में हुए बदलाव के मुताबिक अब चार्जिंग स्टेशन के लिए लाइसेंस का होना जरूरी नहीं होगा. 

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मंत्रालय के स्टैंडर्ड को पूरा करना होगा

चार्जिंग स्टेशन को कोई एक व्यक्ति भी या कोई संस्था भी स्थापित कर सकता है. हालांकि इसके लिए ऊर्जा मंत्रालय और सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी (सीईए) के द्वारा बनाए स्टैंडर्ड को पूरा करना होगा. इसमें चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़े गाइडलाइन शामिल हैं. ऊर्जा मंत्रालय की ओर से चार्जिंग स्टेशन के लिए सभी राज्य के मुख्य सचिव, केंद्रीय मंत्रालय और विभाग को बीते शुक्रवार को गाइडलाइन जारी किया गया.

बिजली की खपत का प्रावधान

मंत्रालय के नियम के मुताबिक इलेक्ट्रिक वाहन चार्ज करने के लिए पावर टैरिफ उचित कमीशन द्वारा तय किए जाएंगे, बशर्ते ये आपूर्ति की औसत लागत और 15% से अधिक न हो.अगर आप अपने घर में चार्जिंग स्टेशन स्थारित करते हैं तो आपके लिए चार्ज करने के लिए शुल्क बिजली की घरेलू खपत के समान होगा. हालांकि लाइवमिंट की खबर के मुताबिक ऊर्जा मंत्रालय ने इस संबंध में किसी प्रकार की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.

कार कंपनियां ऐसी कार पर कर रहीं काम

देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड समेत, हुंडई मोटर कंपनी, वोल्वो कार और किआ मोटर्स ने पहले ही हाइब्रिड या इलेक्ट्रिक कारों को पेश करने की घोषणा की है. टाटा मोटर्स लिमिटेड और महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड पहले से ही अपनी इलेक्ट्रिक कारों को केंद्र सरकार को आपूर्ति कर रही हैं. हालांकि, कार कंपनियों ने ऐसे वाहनों के लिए अपर्याप्त चार्जिंग संबंधी बुनियादी ढांचे को लेकर सरकार के सामने अपनी बात उठाई है.