वाहन विक्रेताओं के संघ एफएडीए (FADA) के मुताबिक फरवरी में यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री 8.25 प्रतिशत घटकर 2,15,276 इकाई रही. फरवरी 2018 में यह आंकड़ा 2,34,632 वाहन का था. फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (FADA) के अनुसार समीक्षावधि में दोपहिया वाहनों की बिक्री 7.97 प्रतिशत घटकर 11,25,405 इकाई रही जो इससे पिछले वर्ष में इसी दौरान 12,22,883 वाहन थी.

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एफएडीए के अध्यक्ष आशीष हर्षराज काले ने एक बयान में कहा कि जनवरी में यात्री वाहनों की बिक्री बढ़ी थी. इसकी वजह साल के आखिरी स्टॉक को खत्म करना और कुछ नए वाहन पेश करना हो सकती है. लेकिन फरवरी में इनकी खुदरा बिक्री में फिर गिरावट देखी गई है और यह चालू वित्त वर्ष में सबसे धीमी रफ्तार रही है.

उन्होंने कहा कि घरेलू वाहन उद्योग लंबे समय से धीमी रफ्तार का सामना कर रहा है. करीब-करीब छह महीनों से यह धीमा ही बना हुआ है और निकट अवधि में इसमें कोई सकारात्मक सुधार के संकेत भी नहीं दिखायी देते हैं.

काले ने कहा कि पिछले साल सितंबर में बीमा की बढ़ी लागत के साथ-साथ पिछले कुछ महीनों में हमने कई नकारात्मक पहलुओं का सामना किया है. इससे लोगों के वाहन खरीद के निर्णय और ग्राहक की धारणा में बड़ा अंतर आया है.’’

देशभर में वाहन डीलरों के पास यात्री और वाणिज्यिक वाहन श्रेणी में पहले का बचा हुआ माल अधिक था. पिछले दो महीनों से स्थिति बेहतर हुई है और अब यह भंडार वापस से नवंबर 2018 के स्तर पर आ गया है. वहीं दोपहिया वाहनों के स्टॉक को लेकर भी स्थिति चिंताजनक है.

फरवरी में वाणिज्यिक वाहनों की खुदरा बिक्री 7.08 प्रतिशत घटकर 61,134 इकाई, तिपहिया वाहनों की बिक्री 10.32 प्रतिशत गिरकर 50,263 वाहन रही. पिछले हफ्ते भारतीय वाहन विनिर्माताओं के संघ सियाम ने अपनी रपट में कहा था कि फरवरी में यात्री वाहनों की थोक बिक्री 1.11 प्रतिशत घटी है.