Car-Bike Tyre Tips: अगर आपके पास कार या बाइक है तो आपको एक समस्या हमेशा परेशान करती होगी. समस्या ये कहीं आपके टायर जल्दी ना घिस जाएं. कई बार ऐसा देखा गया है और लोगों की शिकायत रही है कि उनकी गाड़ी के टायर जल्दी घिस जाते हैं. हालांकि गाड़ी के टायर के घिसने के पीछे कंपनी से ज्यादा गाड़ी के मालिक की लापरवाही होती है. इतना ही नहीं, गाड़ी के टायर घिस जाएं तो रोड एक्सीडेंट होने का खतरा बना रहता है. टायर को बदलवाकर दूसरे लगवाना थोड़ा महंगा पड़ सकता है, क्योंकि कोई भी कंपनी टायर महंगे बेचती है. लेकिन अगर आप शुरू से ही अपनी गाड़ी का ख्याल अच्छे से रखेंगे और खास करके टायर की देखभाल रखेंगे तो आपकी गाड़ी के टायर लंबे समय तक चल सकते हैं. यहां टायर से जुड़े इंटरेस्टिंग फैक्ट्स और टायर को घिसने से बचाने में अपनाए जाने वाली टिप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं. 

टायर प्रेशर का रखें खास ख्याल

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आपकी गाड़ी का टायर कितना चलेगा, ये काफी हद तक आपके टायर के एयर प्रेशर पर निर्भर करता है. अगर टायर में हवा पूरी ना भरी हुई तो उस पर ज्यादा दबाव पड़ता है और वो जल्दी घिसता है. ऐसे में कार या बाइक के टायर को टाइम-टू-टाइम चेक करवाते रहना चाहिए, ताकि टायर घिसने की नौबत ना आए. 

समय-समय पर टायर बदल दें

टायर की शेल्फ लाइफ को बढ़ाने के लिए आप टायरों की स्थिति को भी समय-समय पर बदल सकते हैं. ऐसा बताया जाता है कि कार के अगले टायर के बजाय पिछले टायर ज्यादा घिसते हैं. ऐसे में 4-5 हजार किलोमीटर पर अपनी गाड़ी के टायर्स को आपस में बदलवा सकते हैं. मसलन, आगे वाले टायर्स को पीछे और पीछे वाले टायर्स को आगे कर सकते हैं. 

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टायर सीलेंट का करें इस्तेमाल

अगर आपकी गाड़ी के टायर में कभी पंक्चर हो जाए तो दूसरा लगवाने की बजाय सीलेंट का इस्तेमाल कर सकते हैं. ऐसा करने पर पंक्चर तुरंत ठीक हो जाता है और एयर प्रेशर का भी नुकसान नहीं होता. अगर आप लंबी दूरी तय करने वाले हैं तो सीलेंट का इस्तेमाल हमेशा कर सकते हैं. 

गाड़ी का टायर कब बदलना सही

ऐसा माना जाता है कि किसी भी कार या बाइक का टायर 40 हजार किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है. ऐसे में 40 हजार किमी की दूरी तय करने के बाद आप अपनी गाड़ी के टायर को बदलवा सकते हैं. बता दें कि आप टायरों के घिसने का अंदाजा उनकी मोटाई के कम होने से भी लगा सकते हैं. 

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टायर में भरवाएं ये हवा

अगर आप अपने टायर में नॉर्मल गैस की जगह नाइट्रोजन गैस भरवाते हैं, तो उससे टायर की लाइफ ज्यादा हो जाएगी.  नाइट्रोजन गैस, सामान्य गैस की तुलना में काफी बेहतर होती है और उसमें टायर के नम होने की संभावना कम रहती है. 

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