रॉयल एनफील्ड के दो नए मॉडल लॉन्च, जानिए भारत में क्यों होती है बुलेट की पूजा?
देश में रॉयल एनफील्ड के वर्चस्व को चुनौती देने के लिए महिंद्रा एंड महिंद्रा की जावा मोटरसाइकिल बाजार में आ चुकी हैं, लेकिन सभी के मन में ये सवाल है कि क्या रॉयल एनफील्ड के बुलेट की लोकप्रियता को तगड़ी चुनौती मिल सकेगी.
देश में रॉयल एनफील्ड के वर्चस्व को चुनौती देने के लिए महिंद्रा एंड महिंद्रा की जावा मोटरसाइकिल बाजार में आ चुकी हैं, लेकिन सभी के मन में ये सवाल है कि क्या रॉयल एनफील्ड के बुलेट की लोकप्रियता को तगड़ी चुनौती मिल सकेगी. दरअसल पिछली कुछ तिमाहियों से रॉयल एनफील्ड की बिक्री पर कुछ दबाव देखने को मिल रहा था. उसकी वजह थी लोगों में कुछ नया पाने की चाहत. इस कैटेगरी में बजाज की एवेंजर्स के साथ ही विदेशी हार्ले डेविडसर और ट्रायंफ की ओर लोगों का रुझान बढ़ रहा था. ऐसे में रॉयल एनफील्ड ने दो नए मॉडल लॉन्च करके भारतीय बाजार में अपनी बादशाहत को बरकरार रखने के लिए आक्रामक दाव चल दिया है.
ये दाव आक्रामक इसलिए है क्योंकि रॉयल एनफील्ड पहली बार 650 सीसी रेंज की मोटरसाइकिल भारत में लॉन्च कर रहा है. इससे पहले कंपनी 500 सीसी तक की मोटर साइकिल ही बनाती थी. अब कंपनी ने 650 सीसी इंजन क्षमता वाले दो नए मॉडल इंटरसेप्टर और कॉन्टिनेंटल लॉन्च किए हैं. इन मॉडल की बुकिंग के ट्रेंड को देखकर लग रहा है कि रॉयल एनफील्ड को लेकर लोगों की दीवानगी कम नहीं होने जा रही है. इस दीवानगी का ही असर है कि भारत में एक जगह बुलेट की पूजा भी की जाती है.
बुलेट बाबा का मंदिर
राजस्थान के पाली जिले में बुलेट बाबा का मंदिर है, जहां बुलेट बाइक की पूजा की जाती है. यह मंदिर जोधपुर पाली हाईवे पर स्थित है. मंदिर में ओम बन्ना का एक चित्र है और उनकी बुलेट बाइक है, जो फुल-मालाओं से लदी रहती है. ओम बन्ना का इसी जगह पर बुलेट बाइक से एक्सीडेंट हो गया था, जिसमें उनकी मौत हो गई. लोक मान्यता है कि ओम बन्ना की आत्मा राहगीरों को दुर्घटना से बचाती है. इसके बाद दुर्घटना स्थल के पास ही उनका मंदिर बना दिया गया और वहां उनकी बुलेट को स्थापित कर नियमित रूप से दोनों समय पूजा की जाती है. ऐसी मान्यता है कि बुलेट की पूजा करने से यात्री किसी दुर्घटना से सुरक्षित रहते हैं.