Entry-level cars: एंट्री लेवल की कारों के संभावित खरीदार खरीद का फैसला टाल रहे हैं. क्रिसिल ने सोमवार को एक रिपोर्ट में कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण इनकम प्रभावित होने से ऐसा हो रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, प्रीमियम सेगमेंट की कारों की बिक्री बढ़ने की उम्मीद है, क्योंकि समृद्ध खरीदारों की आय मजबूत बनी हुई है.

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इसी तरह अधिक कीमत वाले टू-व्हीलर की हिस्सेदारी लगभग 40 प्रतिशत बनी रहेगी. प्रीमियम सेगमेंट में 10 लाख रुपये से ज्यादा कीमत वाली कारें आती हैं, जबकि 70,000 रुपये से अधिक कीमत वाले दोपहिया वाहन हाई प्राइस रेंज में आते हैं. 

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सस्ती कारों की बिक्री में इजाफा

रिपोर्ट में कहा गया है कि सप्लाई चेन के मुद्दों ने व्हीकल मैन्युफैक्चरर के एक हिस्से को प्रभावित किया है. भारत में आमतौर पर पहली बार कार खरीदने वाले ग्राहक कम कीमत वाली गाड़ी खरीदते हैं. क्रिसिल ने कहा कि, पिछले वित्त वर्ष में प्रीमियम सेगमेंट की कारों की बिक्री सस्ती कारों के मुकाबले पांच गुना तेजी से हुई.

इनकी वार्षिक वृद्धि दर 38 प्रतिशत रही, जबकि सस्ती कारों की बिक्री में लगभग सात प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. नतीजतन, प्रीमियम कारों की बाजार हिस्सेदारी पिछले वित्त वर्ष में बढ़कर लगभग 30 प्रतिशत हो गई, जो 2020-21 में 25 प्रतिशत थी.