Ola E-Scooter Fire: पिछले हफ्ते पुणे में ओला ई-स्कूटर (Ola E-Scooter) में आग लगने के बाद इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की सेफ्टी को लेकर सरकार से लेकर इंडस्ट्री कर सभी हरकत में आ गई हैं. मामले की जांच को लेकर ट्रांसपोर्ट मंत्रालय ने अग्नि विस्फोटक और पर्यावरण सुरक्षा केंद्र (CFEES) को एक लेटर लिखकर मामले की जांच करने को कहा है. 

मिनिस्ट्री ने मांगी ओला से इंटरनल जांच की रिपोर्ट 

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ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री ने ओला से भी उसके इंटरनल जांच की रिपोर्ट की मांग की है. इसके साथ ही इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री के स्टेकहोल्डर्स ने देश में बनने वाली बैटरियों पर चिंता जताते हुए कहा कि अगर बैटरी के सेफ्टी फीचर्स पर ध्यान नहीं दिया जाता है, तो इससे आगे भी और नुकसान हो सकता है. 

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पुणे में शनिवार को सड़क किनारे खड़ी एक नीले रंग की Ola S1 Pro में आग लग गई. ई-स्कूटर में आग लगते ही पूरे वाहन को अपनी चपेट में ले लिया. ओला ने कहा कि वह घटना की जांच कर रही है.

तमिलनाडु में ई-स्कूटर में शॉर्ट-सर्किट से गई 2 जान

वहीं, तमिलनाडु के वेल्लोर में बिजली के शॉर्ट-सर्किट के कारण एक और ई-बाइक में आग लग गई. इस दुर्घटना में दो लोगों की मौत हो गई. 

हरकत में आई इंडस्ट्री

बैटरी-टेक और डीप-टेक स्टार्टअप Log9 Materials के को फाउंडर और सीईओ डॉ अक्षय सिंघल के अनुसार, इलेक्ट्रिक वाहनों में आग लगने की हालिया घटनाएं बेहद दुर्भाग्यपुर्ण है.

उन्होंने एक बयान में कहा कि दुख की बात है कि जब तक हम भारतीय परिस्थितियों और वाहनों के लिए सही बैटरी टेक्नोलॉजी नहीं बनाते हैं, तब तक ये घटनाएं और अधिक सामान्य हो जाएंगी. इंडस्ट्री को इस मुद्दे पर तुरंत ध्यान देना चाहिए. 

उन्होंने कहा कि हालांकि इस तरह की घटनाएं ईवी स्टेकहोल्डर्स और ग्राहकों के लिए चिंता का एक बड़ा कारण बनी हैं, लेकिन इस बारे में न तो पर्याप्त बातचीत हुई है और न हीं ठोस कार्रवाई.

स्कूटर की सेफ्टी से न हो समझौता

सिंघल ने कहा कि ईवी स्पेस में सभी साथी कंपनियों से मेरा विनम्र निवेदन है कि वे किसी ही हालात में सेफ्टी और सिक्योरिटी से समझौता न करें.

क्यों लग रही बैटरी में आग

इंडस्ट्री के एक्सपर्ट्स ने बताया कि बैटरी में आग लगने का कारण देश के विभिन्न हिस्सों में बढ़ते तापमान के कारण बैटरी का अधिक गर्म होना है.

Ola S1 Pro में 3.97 kWh लिथियम-आयन, फिक्स्ड बैटरी पैक है. ई-स्कूटर एक बार चार्ज करने पर 181 किमी की दूरी और 115 किमी प्रति घंटे की शीर्ष गति का वादा करता है.

बाउंस के को-फाउंडर और सीईओ विवेकानंद हल्लकेरे (Vivekananda Hallakere) ने कहा कि उनकी कंपनी स्कूटर को मार्केट में लॉन्च करने के पहले रियल लाइफ क्लाइमेट कंडीशन के तहत बैटरी की कड़ाई से टेस्टिंग करती है. उन्होंने कहा कि बैटरियों की टेस्टिंग के चलते हमारे डॉक-लेस स्कूटर शेयरिंग बिजनेस पर 30 लाख से अधिक ईवी ट्रिप को पूरा कर लिया है.