भारत के बाहर इन देशों में भी अपनी इलेक्ट्रिक बाइक बेचेगी ये EV कंपनी, सन मोबिलिटी के साथ करार
इस साझेदारी के तहत ओडिसी इलेक्ट्रिक का टारगेट अपनी रोजमर्रा के लिए इस्तेमाल के लिए बनाई गई बाइक को सन मोबिलिटी की आधुनिक बैटरी स्वैपिंग टेक्नोलॉजी से लैस कर दुनिया के बाजारों में उतारना है.
इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली स्वदेशी कंपनी ओडिसी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (Odysse electric) अपनी इलेक्ट्रिक मोटरसाइकिल विदेश भेजने के लिए तैयार है. कंपनी की इलेक्ट्रिक बाइक Vader SM को अब बाहर यानी विदेशों में भी बेचा जाएगा. इसके निर्यात के लिए कंपनी ने बैटरी स्वैपिंग प्रोवाइडर कंपनी सन मोबिलिटी के साथ साझेदारी की घोषणा की है. इस साझेदारी के तहत ओडिसी इलेक्ट्रिक का टारगेट अपनी रोजमर्रा के लिए इस्तेमाल के लिए बनाई गई बाइक को सन मोबिलिटी की आधुनिक बैटरी स्वैपिंग टेक्नोलॉजी से लैस कर दुनिया के बाजारों में उतारना है. ये पार्टनरशिप दुनियाभर में ओडिसी इलेक्ट्रिक के लिए अपना विस्तार करने और दुनियाभर में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को अपनाने के लिए लोगों को प्रेरित करने की शिक्षा में अहम कदम है.
Odysse electric Vader SM में क्या है खास?
ये इलेक्ट्रिक बाइक सन मोबिलिटी की दो स्मार्ट बैटरियों से लैस है. दोनों ही बैटरियां पोर्टेबल हैं. इन्हें सन मोबिलिटी के क्विक इंटरचेंज स्टेशन पर बदला जा सकता है. इस इलेक्ट्रिक बाइक में डिजिटल इंस्ट्रूमेंट कलस्टर 4000 वॉट की इलेक्ट्रिक मोटर मिलती है. इस बाइक की टॉप स्पीड 80 kmph है.
कंपनी का कहना है कि ये इलेक्ट्रिक बाइक फुल चार्ज पर 130 किमी की रेंज देती है. इस बाइक में इको, पावर, स्पोर्ट्स,रिवर्स और पार्किंग मोड जैसे राइडिंग मोड्स मिलते हैं. इसके अलावा बाइक में क्रूज़ कंट्रोल का भी ऑप्शन मिलता है.
Odysse electric Vader SM में सेफ्टी फीचर्स
सेफ्टी फीचर्स की बात करें तो इस इलेक्ट्रिक बाइक में कॉम्बी ब्रेकिंग सिस्टम मिलता है. इसके अलावा बिल असिस्ट्स, एनर्जी रिजनरेशन जैसे एडवांस फीचर्स के साथ-साथ बिल्ट इन प्रोटेक्शन सर्किट के साथ सीएनएन कम्यूनिकेशन की सुविधा दी गई है.
इन देशों में होगा बाइक का निर्यात
- अफ्रीका
- लैटिन अमेरिका
- दक्षिण पूर्व एशिया
इसका निर्माण बैटरी एज ए सर्विस मॉडल के तौर पर किया जाएगा. इन व्हीकल्स का निर्माण गुजरात के अहमदाबाद स्थित ओडिसी के प्लांट में किया जाएगा. बता दें कि इस समय सन मोबिलिटी अफ्रीका, लैटिन अमेरिका और दक्षिण पूर्व एशिया में पायलट आधार पर बैटरी स्वैपिंग स्टेशन की स्थापना कर रही है.