इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बनाने वाली कंपनी ओला इलेक्ट्रिक (Ola Electric) के खिलाफ एक साल में क्वालिटी और बिक्री के बाद की सेवा (After Sales Services) से जुड़ी 10,000 से ज्यादा उपभोक्ता शिकायतें मिली हैं. इन शिकायतों का निपटारा नहीं होने के बाद उपभोक्ता अधिकार नियामक सीसीपीए (CCPA) ने सामूहिक कार्रवाई शुरू करते हुए कंपनी को नोटिस (Notice) भेजा है. पिछले दिनों इन शिकायतों को लेकर तमाम ग्राहकों ने कंपनी के मालिक भाविश अग्रवाल (Bhavish Aggarwal) को सोशल मीडिया (Social Media) पर भी खूब खरी-खोटी सुनाई थी.

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एक सूत्र ने न्यूज एजेंसी भाषा से कहा कि राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (एनसीएच) को पिछले एक साल से ओला इलेक्ट्रिक के खिलाफ शिकायतें मिल रही थीं. समाधान के लिए इन शिकायतों को कंपनी के पास भेजा गया. हालांकि, कंपनी की तरफ से इन शिकायतों के समाधान में बहुत कम दिलचस्पी दिखाई गई. यही वजह है कि अब कंपनी के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई है. सूत्र ने कहा कि सीसीपीए ने सामूहिक कार्रवाई शुरू करते हुए इन शिकायतों की जांच शुरू की और पाया कि पिछले एक साल में एनसीएच को 10,000 से ज्यादा शिकायतें मिलीं. 

इन चीजों को लेकर हुईं शिकायतें

सूत्र के अनुसार, उपभोक्ता शिकायतों में निःशुल्क सेवा अवधि/वारंटी के दौरान कंपनी की तरफ से पैसे लेना भी शामिल है. इतना ही नहीं, शिकायतों में देरी से और असंतोषजनक सेवाएं, वारंटी सेवाओं में देरी या इनकार, अपर्याप्त सेवाएं, सेवाओं के बावजूद बार-बार खराबी आना, किए गए दावों का गलत होना, अधिक शुल्क लेना और गलत चालान भी शामिल हैं. 

इसके अलावा, रिफंड और दस्तावेज उपलब्ध कराने में असफल रहना, अन-प्रोफेशनल बर्ताव, शिकायत बंद करना, बैटरी और वाहन कलपुर्जों से जुड़े कई मुद्दे को लेकर भी शिकायतें आई हैं. सीसीपीए के अनुसार, कारण बताओ नोटिस जारी करने के प्रमुख आधार में उपभोक्ता अधिकारों का कथित उल्लंघन, सेवाओं में कमी, भ्रामक दावे और अनुचित व्यापार व्यवहार शामिल हैं. 

सीसीपीए ने 7 अक्टूबर को ओला इलेक्ट्रिक के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किया और कंपनी को जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया. नोटिस जारी करने से पहले मुख्य आयुक्त निधि खरे और आयुक्त अनुपम मिश्रा की अध्यक्षता में सीसीपीए ने सामूहिक कार्रवाई के लिए उपभोक्ता शिकायतों की जांच की.

(भाषा से इनपुट के साथ)