मारुति सुजुकी लिमिटेड (Maruti Suzuki) 2020 में ऐसी सेडान कार लाने की योजना बना रही है, जो फर्स्‍ट स्‍ट्रांग या फुल हाइब्रिड होगी. अब तक मारुति की फुल हाइब्रिड कार भारत में नहीं उपलब्‍ध है. इस कार को सुजुकी और टोयोटा के संयुक्‍त उद्यम में विकसित किया जा सकता है. इस बात की घोषणा पहले हो चुकी है कि टोयोटा कोरोला सेडान की इंजीनियरिंग मारुति के साथ साझा करेगा. इंडस्‍ट्री एक्‍सपर्ट का कहना है कि मारुति की यही पहली फुल हाइब्रिड कार हो सकती है. हालांकि कंपनी की ओर से अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं है.

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क्‍या है कंपनी की योजना

सुजुकी और टोयोटा भारत में ही हाइब्रिड टेक्‍नोलॉजी के विकास पर साथ काम कर रह हैं. एक मीडिया रिपोर्ट में मारुति सुजुकी के हवाले से कहा गया है कि हाइब्रिड पॉवर टरेन इंजन से कार का माइलेज 30% तक बढ़ जाएगा. कंपनी पहले ही साफ कर चुकी है कि वह डीजल कार वर्ग से बाहर निकलना चाहती है. अप्रैल 2020 में BS6 एमिशन नॉर्म्‍स के लागू होने के बाद कंपनी डीजल कारों का निर्माण बंद करेगी. क्‍योंकि एमिशन नॉर्म्‍स के आधार पर डीजल कार की कीमत करीब ढाई लाख रुपए तक बढ़ जाएगी. मौजूदा समय में पेट्रोल और डीजल कार की कीमत में करीब 1 लाख रुपए का अंतर है. BS6 ईंधन नॉर्म्‍स आने के बाद यह अंतर ढाई लाख रुपए तक हो जाएगा.

कैसे काम करता है हाइब्रिड इंजन

कारदेखो की खबर के मुताबिक हाइब्रिड कार में इलेक्ट्रिक मोटर और पारंपरिक इंजन लगा होता है, जो कार को पॉवर देता है. वैसे हाइब्रिड कार 3 तरह की होती हैं: माइल्‍ड हाइब्रिड, फुल हाइब्रिड और प्‍लग इन हाइब्रिड. फुल हाइब्रिड कार यूनीक होती है क्‍योंकि वे पारंपरिक इंजन के बजाय बैटरी ऊर्जा पर रन करती हैं. कार की गति कम होने पर इलेक्ट्रिक मोटर काम करने लगता है. इससे कार का माइलेज बढ़ जाता है. कार के रुकने पर गैस इंजन काम करने लगता है. यानि शहर में रुक-रुक कर कार चलाने पर भी सबसे अच्‍छा एवरेज मिलता है.

कितना निकलता है माइलेज

फुल हा‍इ‍ब्रिड कार का माइलेज गैर हाइब्रिड कार से कहीं ज्‍यादा होता है. मसलन टोयोटा प्रियस पहले से फुल हाइब्रिड तकनीक के साथ आ रही है. फोर्ड कंपनी भी ऐसी कारें बनाती है. इनका वजन काफी हल्‍का होता है. इन्‍हें चलाने में कम ईंधन खपत होती है.

बैटरी कैसे चार्ज होती है

हाइब्रिड कारों की बैटरी रिचार्ज करने की जरूरत नहीं होती. कंपनियां कार में ऐसी तकनीक लगा कर देती हैं जिससे वह चलाने के दौरान ही रिचार्ज होती रहे. कार के स्‍लो होने पर या रुकने पर पॉवर बैटरी को मिलने लगता है जिससे वह चार्ज होने लगती है.