महिंद्रा (Mahindra) ने 26 नवंबर, 2024 को अपनी नई इलेक्ट्रिक SUVs BE 6e और XEV 9e से पर्दा उठाया था. कंपनी ने “BE 6e” के नाम के तहत ट्रेडमार्क रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया है. यह ट्रेडमार्क महिंद्रा की “Born Electric” (BE) प्लेटफॉर्म पर आधारित है, जिसे पहले ही क्लास 12 (वाहन) में रजिस्टर किया जा चुका है.

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हालांकि, महिंद्रा की इस नई गाड़ी के नाम पर विवाद उत्पन्न हो गया है. इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड (IndiGo) ने महिंद्रा के "6e" नाम के उपयोग पर आपत्ति जताई है. IndiGo का "6E" नाम पहले से ही उनके एयरलाइन के ब्रांड के रूप में रजिस्टर्ड है और वे इसे व्हीकल इंडस्ट्री में इस्तेमाल करने के खिलाफ हैं.

महिंद्रा का कहना है कि उनका मार्क "BE 6e" है ना कि सिर्फ "6E", और यह पूरी तरह से अलग इंडस्ट्री और प्रोडक्ट से जुड़ा है, इसलिए इसमें कोई भ्रम या संघर्ष की संभावना नहीं है. कंपनी ने यह भी कहा कि उनका नाम और डिज़ाइन इतना अलग है कि इससे किसी भी प्रकार की उलझन नहीं होगी.

महिंद्रा ने यह भी उदाहरण दिया कि पहले टाटा मोटर्स ने इंटरग्लोब द्वारा IndiGo नाम के उपयोग पर आपत्ति जताई थी, क्योंकि उनके पास "टाटा इंडिगो" कार ब्रांड था. हालांकि, इंटरग्लोब ने उस नाम को अलग उद्योग में इस्तेमाल करना जारी रखा. महिंद्रा ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि इस प्रकार का विरोध उनके द्वारा किए गए पहले के कामों के खिलाफ है.

महिंद्रा ने अपने बयान में यह साफ किया कि उनका मुख्य मकसद भारत में इलेक्ट्रिक परिवहन को बढ़ावा देना है और इस विवाद में शामिल होकर वह अपनी प्राथमिकता से भटकना नहीं चाहते. वह यह भी मानते हैं कि दो बड़ी भारतीय मल्टीनेशनल कंपनियों के बीच इस प्रकार का विवाद बेकार है. महिंद्रा का कहना है कि दोनों कंपनियों को एक-दूसरे का समर्थन करना चाहिए.

महिंद्रा ने अब अपने प्रोडक्ट का नाम “BE 6” रखने का निर्णय लिया है. कंपनी का कहना है कि उनकी गाड़ी का यह नाम साफ और अलग है. कंपनी ने कहा कि अगर IndiGo का दावा बिना चुनौती के स्वीकार कर लिया जाता है, तो यह एक गलत प्रैक्टिस को बढ़ावा देगा, जो भविष्य में सभी उद्योगों और क्षेत्रों के लिए समस्याएं उत्पन्न करेगा. महिंद्रा ने इस विवाद को अदालत में चुनौती देने का फैसला लिया है और अपने ब्रांड नाम "BE 6e" पर पूरा अधिकार बनाए रखने की बात की है.