Himachal Pradesh Electric Vehicle Policy: अगर आप हिमाचल प्रदेश के रहने वाले हैं तो आपके लिए राज्य सरकार ने बड़ा ऐलान किया है. हिमाचल प्रदेश में इलेक्ट्रिक व्हीकल (Electric Vehicle) के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने एक पॉलिसी का ऐलान किया है. हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने ऐलान किया राज्य में इफेक्टिव इलेक्ट्रिक पॉलिसी को लॉन्च किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि राज्य में इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन को डेवलेप किया जाएगा और उसे प्रमोट भी किया जाएगा. पॉलिसी का लक्ष्य ई-मोबिलिटी सेक्टर में एक्सेसिबिलिटी, सुविधा और रोजगार के मौके को भुनाना है.

ऑपरेटर्स को मिलेगी 50% सब्सिडी

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शिमला में हुई एक बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने जोर देते हुए कहा कि ये पॉलिसी पर्याप्त प्रोत्साहन देगी, इसमें ऑपरेटर्स को 50 फीसदी सब्सिडी देने को भी शामिल किया गया है. अगर कोई प्राइवेट ऑपरेटर, जो इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन लगाएंगे उन्हें 50 फीसदी सब्सिदी मिलेगी. 

पॉलिसी से क्या-क्या मिलेगा?

उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार राज्य में इलेक्ट्रिक व्हीकल के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन्स को डेवलेप करने के लिए एक इफेक्टिव पॉलिसी को लाने वाली है. इस पॉलिसी के तहत कई मुद्दों पर फोकस किया जाएगा. इसमें राज्य में रोजगार के मौके, ई-मोबिलिटी सुविधा और एक्सेसिबिलिटी शामिल हैं. वहीं चार्जिंग स्टेशन लगाने वाले प्राइवेट ऑपरेटर्स को 50 फीसदी सब्सिडी मिलेगी. इस फैसले से प्राइवेट सेक्टर के इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में प्राइवेट सेक्टर की हिस्सेदारी बढ़ेगी. 

EV को बढ़ावा देने पर फोकस

बता दें कि इस बैठक के दौरान मुख्यमंत्री को राज्य में मौजूदा और आने वाले इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन के बारे में जानकारी दी गई. उन्होंने राज्य को इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने और कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए एक मॉडल में बदलने की सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई है. बता दें कि इलेक्ट्रिक व्हीकल को प्रमोट करने के लिए प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर साथ में मिलकर काम कर रहे हैं.

राज्य में चल रही इलेक्ट्रिक बसें

इसके अलावा चार्जिंग नेटवर्क को बढ़ाने के लिए, राज्य सरकार 6 ग्रीन कॉरिडोर डेवलेप करेगी, जो नेशनल और स्टेट हाईवे से होकर गुजरेंगे. पहले चरण में कॉरिडोर का कुल हिस्सा 2137 किलोमीटर होगा. इसके आगे, हिमाचल रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (HRTC) धीरे-धीरे अपने बेड़े में इलेक्ट्रिक बसें शामिल कर रहा है और मुख्यमंत्री ने एचआरटीसी को इन नए इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए उपयुक्त मार्गों की पहचान करने के निर्देश दिए हैं. 

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