GST Council Meeting: जीएसटी काउंसिल (GST Council) ने अपनी 48वीं बैठक में 22% कंपनसेशन सेस (Compensation Cess) लगाने के लिए स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल्स (SUV) की परिभाषा तय की है. इसके साथ ही काउंसिल ने मल्टी यूटिलिटी व्हीकल (MUV) को परिभाषित करने के लिए मानदंड तैयार करने का फैसला किया है. वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण ने कहा कि SUV के बारे में यह स्पष्टीकरण दिया गया है कि 22% के कंपनसेशन सेस की उच्च दर सभी चार शर्तों को पूरा करने वाले मोटर वाहन पर लागू होती है, जिसे आम बोलचाल में एसयूवी कहा जाता है. 

SUV की परिभाषा तय

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GST काउंसिल ने एसयूवी की परिभाषा तय की है. इसमें इंजन की क्षमता 1500 cc से अधिक होना, लंबाई 4000 mm से अधिक होना और 170 mm या अधिक का ग्राउंड क्लीयरेंस शामिल है.

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SUV पर कितना लगता है टैक्स

वित्त मंत्री ने कहा, यह स्पष्टीकरण कोई नया टैक्स नहीं है. इसके जरिये सिर्फ SUV कैटेगरी पर लगने वाले टैक्स को परिभाषित किया गया है. वर्तमान में, 1500 cc से अधिक इंजन क्षमता, 4000 मिमी से अधिक लंबाई और 170 मिमी की ग्राउंड क्लीयरेंस वाली कारों पर 28% GST और 22% सेस लगता है, जिससे इफेक्टिव टैक्स रेट 50% हो जाता है.

MUV को परिभाषित करने का सुझाव

सीतारमण ने कहा कि MUV चर्चा तब शुरू हुई जब कुछ राज्यों ने पूछा कि क्या सेडान को SUV कैटेगरी में शामिल किया जाना चाहिए. राज्यों ने एमयूवी की परिभाषा लाने का भी सुझाव दिया.

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व्हीकल इंडस्ट्री ने की सराहना

वाहन उद्योग निकाय सियाम ने SUV की परिभाषा पर आए GST काउंसिल के स्पष्टीकरण का स्वागत करते हुए कहा कि यह वित्त मंत्रालय के साथ इस बारे में हुई चर्चा के अनुरूप ही है. सियाम ने कहा, अब यह स्पष्ट हो गया है कि 28% GST के अलावा 22% कंपनसेशन सेस की उच्च दर केवल उन्हीं वाहनों पर लागू होगी जो चारों शर्तों को पूरा करते हैं. सियाम ने अपने बयान में एसयूवी की परिभाषा पर स्पष्टीकरण जारी करने के लिए वित्त मंत्रालय, भारत सरकार और जीएसटी परिषद का आभार भी जताया.

(पीटीआई इनपुट के साथ)