Ford motor latest news: फोर्ड मोटर (Ford motor) ने भारतीय मार्केट के लिए एक बड़ा फैसला किया है. कंपनी अपने कारोबार में भारी फेरबदल करने जा रही है. कंपनी भारत में अपने दोनों मैनुफैक्चरिंग प्लांट को बंद करने जा रही है और अब सिर्फ इम्पोर्टेड गाड़ियों की ही बिक्री करेगी. कंपनी की चेन्नई (तमिलनाडु) और साणंद (गुजरात) में प्लांट है और यहां वह इकोस्पोर्ट, फिगो और एस्पायर जैसी कारें बनती है. खबर के मुताबिक, कंपनी आगे अब सिर्फ सिर्फ मस्टैंग जैसी इम्पोर्टेड वाहनों की ही बिक्री करेगी. 

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दो प्लांट पर  2.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश

कंपनी ने भारत के दोनों प्लांट में करीब 2.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, फोर्ड इंडिया के पास सालाना 6,10,000 इंजन और 4,40,000 वाहनों की स्थापित विनिर्माण क्षमता है. इसने फिगो, एस्पायर और इकोस्पोर्ट जैसे अपने मॉडलों को दुनियाभर के 70 से ज्यादा बाजारों में एक्सपोर्ट किया.

महिंद्रा एंड महिंद्रा से खत्म किया करार

इस साल जनवरी में, फोर्ड मोटर कंपनी और महिंद्रा एंड महिंद्रा ने अपने पहले अनाउंस किए गए ऑटोमोटिव ज्वाइंट वेंचर को खत्म करने का फैसला किया था और इसके बजाय भारत में फ्री ऑपरेशन जारी रखने का फैसला किया था. अक्टूबर 2019 में, दोनों कंपनियों ने एक समझौते की घोषणा की थी, जिसके तहत महिंद्रा एंड महिंद्रा फोर्ड मोटर कंपनी (FMC) की पूर्ण स्वामित्व वाली शाखा में बहुमत हिस्सेदारी हासिल कर लेगी, जो भारत में अमेरिकी ऑटो प्रमुख के ऑटोमोटिव व्यवसाय को संभाल लेगी.

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जनरल मोटर्स के बाद फोर्ड दूसरी ऐसी कंपनी

जनरल मोटर्स के बाद भारत में प्लांट बंद करने वाली फोर्ड दूसरी अमेरिकी ऑटो कंपनी है. साल 2017 में जनरल मोटर्स ने घोषणा की कि वह भारत में वाहनों की बिक्री बंद कर देगी क्योंकि दो दशकों से ज्यादा समय तक संघर्ष करने के बाद भी उसकी किस्मत में कोई बदलाव नहीं आया है. कंपनी ने गुजरात में अपना हलोल प्लांट एमजी मोटर्स को बेच दिया, जबकि उसने एक्सपोर्ट के लिए महाराष्ट्र में अपने तालेगांव प्लांट को चलाना जारी रखा लेकिन पिछले दिसंबर में प्रोडक्शन बंद कर दिया.