प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में प्रधानमंत्री के सलाहकार तरुण कपूर ने मंगलवार को कहा कि नई इलेक्ट्रिक कार लाने के लिए मोटर वाहन उद्योग को बड़ी भूमिका निभाने की जरूरत है. इलेक्ट्रिक वाहन पर उद्योग मंडल FICCI के राष्ट्रीय सम्मेलन में उन्होंने कहा कि सरकार कराधान के मुद्दों सहित सभी पहलुओं पर विचार करेगी ताकि उद्योग व्यवहार्य बना रहे. कपूर ने कहा कि चारपहिया वाहनों के मामले में मेरा मानना ​​है कि उद्योग को सरकार से कहीं अधिक बड़ी भूमिका निभानी होगी, क्योंकि हमें अधिक उत्पादों की आवश्यकता है. हमें बेहतर उत्पादों की आवश्यकता है और हमें अधिक प्रचार करने की जरूरत है. उन्होंने आगे कहा कि सरकार चार्जिंग बुनियादी ढांचे को बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है. 

PM e-Drive पर फोकस ज्यादा

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‘पीएम-ई ड्राइव’ योजना में भी इस पर काफी जोर दिया जा रहा है. कपूर ने कहा कि लेकिन उत्पाद, अधिक ग्राहक संतुष्टि और अधिक विकल्प देने के मामले में उद्योग को बहुत बड़ी भूमिका निभानी होगी. कराधान के मुद्दों पर उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से हम वास्तव में किसी तरह की कोई प्रतिबद्धता नहीं कर सकते, लेकिन हम समझते हैं कि कराधान एक प्रमुख मुद्दा है. 

इलेक्ट्रिक व्हीकल की ज्यादा जरूरत

हमें सभी पहलुओं, सभी स्तर पर विचार करना होगा ताकि उद्योग व्यवहार्य बना रहे. कपूर ने कहा कि हालांकि ‘पीएम ई-ड्राइव’ योजना विशेष रूप से चारपहिया वाहनों से जुड़ी है, लेकिन इस खंड के लिए सरकार का समर्थन काफी हद तक मौजूद है. विभिन्न वाहन खंड के लिए ईवी लक्ष्य पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि वायु प्रदूषण की समस्या से जूझ रहे शहरों में डीजल वाहनों के स्थान पर बिजली चालित वाहन को लाने की जरूरत है. 

पीएम ई ड्राइव का अच्छा रिस्पॉन्स 

वहीं केंद्रीय भारी उद्योग और इस्पात मंत्री एच डी कुमारस्वामी ने कहा कि सरकार को ‘पीएम ई-ड्राइव’ योजना की अच्छी प्रतिक्रिया मिली है. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि आने वाले साल में यह गति जारी रहेगी. भारी उद्योग मंत्रालय इलेक्ट्रिक वाहन की स्वीकार्यता बढ़ाने के लिए देशव्यापी अभियान का नेतृत्व कर रहा है, जो 2070 तक भारत के महत्वाकांक्षी शुद्ध शून्य लक्ष्य में योगदान दे रहा है. 

उन्होंने कहा कि मंत्रालय बैटरियों के लिए कलपुर्जा विनिर्माण परिवेश को मजबूत करने का भी काम कर रहा है। मंत्री ने कहा कि हम इस बात पर विचार कर रहे हैं कि एनोड, कैथोड, फॉयल निर्माता और ओईएम (मूल उपकरण निर्माता) जैसे प्रमुख विनिर्माता किस तरह एक साथ आ सकते हैं. उन्होंने कहा कि मंत्रालय बैटरी प्रौद्योगिकी, चार्जिंग बुनियादी ढांचे और पुनर्चक्रण में अनुसंधान पहल का भी सक्रिय रूप से समर्थन कर रहा है.