इलेक्ट्रिक वाहनों पर नीति आयोग और ऑटो इंडस्ट्री में तकरार! कंपनियों ने कहा-बढ़ेगा बोझ
नीति आयोग (Niti Aayog) ने टू व्हीलर और थ्री व्हीलर वाहन निर्माता कंपनियों से बैटरी से चलने वाले वाहनों पर स्ट्रेटजी 2 हफ्ते में देने की बात कही है. हालांकि कंपनियों ने इतने कम समय में अपनी रणनीति का खुलासा करने से इनकार कर दिया है.
नीति आयोग (Niti Aayog) ने टू व्हीलर और थ्री व्हीलर वाहन निर्माता कंपनियों से बैटरी से चलने वाले वाहनों पर स्ट्रेटजी 2 हफ्ते में देने की बात कही है. हालांकि कंपनियों ने इतने कम समय में अपनी रणनीति का खुलासा करने से इनकार कर दिया है. 'जी बिजनेस' की रिपोर्ट में बताया गया है कि नीति आयोग ने टू और थ्री व्हीलर मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों से रोडमैप मांगा था. लेकिन ऑटो कंपनियों की दलील है कि अभी उद्योग मुश्किल हालात में है. वह इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण को शुरू करने का बोझ नहीं सह सकते.
'जी बिजनेस' की रिसर्च टीम के सदस्य रजत देवगन ने बताया कि नीति आयोग ने कंपनियों को दो हफ्ते का समय दिया है. लेकिन कंपनियों की दिक्कत यह है कि उन्होंने BS-6 एमिशन नॉर्म्स में ट्रांसफार्मेशन के लिए हाल-फिलहाल में 60 से 70 हजार करोड़ रुपए खर्च किया है. अगर उन्हें तत्काल इलेक्ट्रिक व्हीकल सेगमेंट में उतरना पड़ा तो इससे हालात और खराब होंगे.
नीति आयोग का 2023 तक बैटरी वाहनों पर जोर
रजत ने बताया कि नीति आयोग ने 2023 तक पूरी तरह बैटरी से चलने वाले तिपहिया वाहनों को अपनाने का लक्ष्य रखा है. इसके अलावा 2025 तक 150 सीसी तक के दोपहिया वाहनों को पूरी तरह बैटरी आधारित करने की योजना है.
सब्सिडी बोझ
ऑटो उद्योग का कहना है कि ICE ऑटो को फिलहाल बैन करना सही नहीं होगा. साथ ही अगर इलेक्ट्रिक वाहन का निर्माण शुरू भी हो जाता है तो सरकार को हर वाहन पर सब्सिडी देनी होगी. मौजूदा समय में सरकार की भी सब्सिडी देने की तैयारी पर्याप्त नहीं लग रही.
ये दिग्गज हुए शामिल
नीति आयोग के साथ बैठक में बजाज ऑटो (Bajaj Auto) के एमडी राजीव बजाज, टीवीएस मोटर (TVS Motor) के को-चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन, होंडा (Honda) मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया (एचएमएसआई) के अध्यक्ष एवं सीईओ मिनोरु कातो, सियाम (Siam) के महानिदेशक विष्णु माथुर और एक्मा के महानिदेशक विन्नी मेहता सहित दोपहिया वाहन बनाने वाली प्रमुख कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों ने बैठक में हिस्सा लिया.