बैटरी से चलने वाले रिक्शा देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने के काम में तेजी ला सकता है. ई-रिक्शा आसानी से हासिल होने वाली उपलब्धि है जिसके सहारे इलेक्ट्रिक वाहनों के चलन में तेजी लाई जा सकती है. कुछ शहरी इलाकों में शुरुआती और अंतिम छोर तक की परिवहन सेवा के रूप में ई-रिक्शा की "प्रासंगिकता" बेजोड़ है. डेलॉयट ने अपनी एक रिपोर्ट में यह बात कही है. 

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'सार्वजनिक परिवहन के विद्युतीकरण से भारत की इलेक्ट्रिक वाहन आकांक्षा को पूरा करना' नामक इस रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की सफलता के लिए उपयुक्त माहौल बनाने में बड़ी भूमिका निभाएगी. हालांकि, हो सकता है कि वह शुरुआत में पूरा जोखिम उठाने पर विचार नहीं करे. रिपोर्ट में कहा गया कि सरकार को सब्सिडी और नीतिगत रूपरेखा विकसित करने जैसी सहायता प्रदान करके सुविधा प्रदाता की भूमिका निभानी चाहिए. 

भारत के संदर्भ में ई-रिक्शा या बैटरी से चलने वाले तिपहिया वाहनों की महत्ता पर जोर देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि शहरी परिवहन प्रणाली सामान्य तौर पर प्रमुख मार्गों पर पहले और आखिरी दोनों छोरों पर आवागमन की सुविधा देने वाला महत्वपूर्ण वाहन है. 

इन शहरों या क्षेत्रों के लिए ऑटो-रिक्शों का विद्युतीकरण एक अच्छा समाधान हो सकता है. ई-रिक्शा की लागत कम होने के कारण इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने में यह सुविधा बिना ज्यादा मेहनत किए हासिल होने वाली उपलब्धि की तरह है. 

(इनपुट एजेंसी से)