दिल्ली सरकार ने मंगलवार को अपनी इलेक्ट्रिक वाहन नीति का मसौदा पेश किया. इसमें इलेक्ट्रिक तिपहिया, रिक्शा और दोपहिया पर सब्सिडी देने का प्रस्ताव है. नीति में 2023 तक दिल्ली में सभी नए पंजीकृत होने वाले वाहनों में से 25 प्रतिशत ई-वाहनों का लक्ष्य तय किया गया है. सरकार की ओर से इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रत्याहित करने का उद्देश्य दिल्ली में प्रदूषण की समस्या से कुछ हद तक राहत पहुंचाना है. गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले हुए एक अध्ययन में ये तथ्य सामने आए थे कि वाहनों से होने वाले प्रदूषण में दो पहिया वाहन व कारों की हिस्सेदारी काफी अधिक है.

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चाजिंग की सुविधा भी उपलब्ध होगी

नीति के मसौदे में दिल्ली में कहीं से भी तीन किलोमीटर के दायरे में बैटरी चार्जिंग की सुविधा उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया हैं इसके अलावा गैर इलेक्ट्रिक वाहनों पर अतिरिक्त शुल्क से इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहन पर खर्च होने वाली राशि जुटाने का प्रस्ताव है. परिवहन विभाग की वेबसाइट पर डाली गई नीति के मसौदे को सार्वजनिक किया गया है जिससे लोग अपनी आपत्तियां और सुझाव दे सकें.

 

वाहनों के चलते होता है काफी प्रदूषण

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि सर्दियों के समय प्रदूषण में से करीब 30 प्रतिशत वाहनों की वजह से होता है. पर्यावरण के अनुकूल वाहनों से वायु की गुणवत्ता सुधारने में मदद मिलेगी.