नकली ब्रांड के या घटिया क्वॉलिटी के हेलमेट्स (Helmet) को लेकर सरकार की तरफ से अहम कदम उठाया गया है. बीआईएस ने राज्यों और जिलाधिकारियों को चिट्ठी लिखी है. बीआईएस ने इसके नियंत्रण और उत्पादन पर रोक को लेकर मुहिम चलाने को कहा है. बता दें कि 162 उत्पादकों के लाइसेंस या तो रद्द हैं या उनकी वैधता खत्म हो चुकी है. यह उत्पादक दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक राज्यों में हैं.

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रोड सेफ्टी और कंज्यूमर्स की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कंज्यूमर अफेयर्स डिपार्टमेंट ने एक अहम कदम उठाया है. इसके तहत डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर और डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को एक चिट्ठी लिखी गई है, जिसमें देश भर में एक कैंपेन चलाने के लिए कहा गया है. यह कैंपेन खराब और घटिया क्वालिटी के हेलमेंट बनाने और बेचने वालों को टारगेट करते हुए चलाने के लिए कहा गया है.

देखा गया है कि बिना आवश्यक BIS प्रमाणपत्र वाले घटिया हेलमेट सड़क किनारे बेचे जा रहे हैं, जो सार्वजनिक सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन रहे हैं. इन हेलमेट्स का संबंध कई सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों से जोड़ा गया है. सरकार ने पहले ही मोटर वाहन अधिनियम 1988 के तहत हेलमेट पहनना अनिवार्य कर दिया है.

सरकार ने BIS लाइसेंस के बिना काम करने वाले निर्माताओं और नकली ISI मार्क का उपयोग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है. साथ ही, ऐसे खुदरा विक्रेताओं के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी जो उपभोक्ताओं को इन गैर-मानक उत्पादों को बेच रहे हैं.

उपभोक्ता मामले मंत्रालय ने कहा, "उपभोक्ता BIS Care ऐप या BIS वेबसाइट पर जाकर यह सत्यापित कर सकते हैं कि क्या हेलमेट निर्माता के पास BIS लाइसेंस है." यह पहल बाजार में हेलमेट की गुणवत्ता को लेकर बढ़ती चिंताओं के जवाब में की गई है, क्योंकि हेलमेट सड़क पर जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.

उपभोक्ता मामले विभाग की सचिव निधि खरे ने कहा, "हेलमेट जान बचाते हैं, लेकिन केवल तभी जब वे अच्छी गुणवत्ता के हों. यह पहल unsafe हेलमेट्स को बाजार से हटाने और उपभोक्ताओं को BIS प्रमाणित उत्पादों के महत्व के बारे में शिक्षित करने के लिए जरूरी है. हम सभी हितधारकों से अनुरोध करते हैं कि वे हमारे नागरिकों की सुरक्षा के लिए इस अभियान में सक्रिय भाग लें."

सरकार ने जिला अधिकारियों से इस मामले में व्यक्तिगत रुचि लेने और गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के प्रवर्तन को सुनिश्चित करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू करने का अनुरोध किया है. जिला अधिकारियों को जिला SP और BIS क्षेत्रीय अधिकारियों के साथ मिलकर उल्लंघनों की पहचान और समाधान के लिए काम करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है.

अब तक, 162 लाइसेंस को घटिया/non-ISI हेलमेट निर्माण के लिए रद्द या समाप्त किया गया है. इसके साथ ही, BIS मानक चिह्न के दुरुपयोग और गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों के उल्लंघन के मामलों में कुल 27 छापेमारी की गई हैं और विभिन्न अदालतों में मामले दायर किए गए हैं.