चलती गाड़ी में ड्राइवर का ध्यान भटकने पर बजेगा अलार्म, सड़क पर बढ़ेगी स्पीड लिमिट, सरकार ने बनाई कमेटी
Accidents caused by naps: बेहतर इंजिन, बढ़िया सड़क और गाड़ियों में अतिरिक्त सुरक्षा फ़ीचर डालने के साथ सरकार ने स्पीड लिमिट (Speed Limit) बढ़ाने की कवायद शुरू की.
Accidents caused by naps: भारत सरकार झपकी के चलते होने वाले एक्सीडेंट को रोकने की पहल करने जा रही है. सड़क परिवहन मंत्रालय (Ministry of Road Transport) जल्द एक ड्राफ़्ट जारी करेगा जिसमें कहा गया है कि ट्रक, बस, कार में Drowsiness Alert Alarm लगाया जाएगा. इससे ड्राइव करते समय ड्राइवर को झपकी आने पर अलार्म बजेगा. इसमें आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई (AI) और मॉनीटरिंग कैमरा से ऑडियो अलर्ट आएगा.इसके लिए ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड्स तैयार है. सरकार इसे कार, बस, ट्रक में जरूरी करने की तैयारी में है.
स्पीड लिमिट की समीक्षा के लिए सरकार ने बनाई कमेटी
बेहतर इंजिन, बढ़िया सड़क और गाड़ियों में अतिरिक्त सुरक्षा फ़ीचर डालने के साथ सरकार ने स्पीड लिमिट (Speed Limit) बढ़ाने की कवायद शुरू की. सड़क परिवहन मंत्रालय ने इसके लिए कमेटी बनाई. इसमें 9 सदस्यों की कमेटी स्पीड लिमिट पर रिपोर्ट देगी. कमेटी एक्सप्रेसवे, एनएच, स्टेट हाइवे सहित दूसरे सड़कों के लिए स्पीड लिमिट की समीक्षा करेगी. नेशनल हाइवे पर फिलहाल कारों की मौजूदा लिमिट 100 किलोमीटर प्रति घंटा है जबकि एक्सप्रेसवे पर 120 किलोमीटर प्रति घंटा है.
इससे पहले 2018 में हुई थी समीक्षा
सड़क परिवहन मंत्रालय ने अब से पहले इस मुद्दे पर 2018 में समीक्षा हुई थी. ग्रामीण क्षेत्रों में स्पीड 70 किलोमीटर प्रति घंटा है और शहर में स्थानीय अथॉरिटी लिमिट तय करती है. झपकी के चलते रोड एक्साीडेंट तो होते रहे हैं, लेकिन हाल में क्रिकेटर ऋषभ पंत के एक्सीडेंट ने इस मुद्दे को हाई लाइट कर दिया.
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