Car Steering Wheel: अगर आप कार चलाते हैं तो आपके एक बात जरूर नोटिस की होगी. वो ये भारत में कार स्टेयरिंग व्हील दाईं तरफ होता है और अमेरिकी देशों में स्टेयरिंग व्हील बाईं तरफ (Left Side) होता है. अब इसके पीछे वैसे तो कोई रॉकेट साइंस नहीं है लेकिन एक कारण जरूर है. कारण ये है कि भारत में कई सालों तक अंग्रेजों का राज रहा और ये गुलामी ही इस बात की वजह बनी कि भारत में कार स्टेयरिंग व्हील (Steering Wheel) दाईं तरफ होता है. सभी को पता है कि साल 1947 से पहले लंबे समय तक भारत पर अंग्रेजों का राज रहा है. अंग्रेजो ने ही यातायात को सुगम बनाने के लिए भारत में सड़क पर बाईं ओर चलने का नियम बनाया. 

ब्रिटिश टाइम में दाईं ओर चलती थी कारें

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बता दें कि इंग्लैंड में काफी समय पहले से ही कार में स्टेयरिंग राइट साइड में होता था और इंग्लैंड ने भारत पर 200 साल तक राज किया. इतने सालों तक इंग्लैंड की गुलामी में रह चुके भारत में भी कार मे स्टेयरिंग व्हील दाईं तरफ हो गया. बता दें कि जिन-जिन देशों में इंग्लैंड का शासन रहा, वहां-वहां स्टेयरिंग राइट साइड में ही लगाया जाता है. 

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें

एक कार बेची तो शोरूम के मालिक को हुआ कितना फायदा? कार की असल कीमत होती है कम, मिलता है इतना मार्जिन

वजह ये कि 18वीं शताब्दी में अमेरिका में टीमस्टर्स हुआ करते थे. ये घोड़ों की एक टीम मदद से खीचें जाते थे और यहां ड्राइवर के बैठने की जगह नहीं होती थी. ऐसे में ड्राइवर घोड़ों की टीम में सबसे बाएं घोड़े पर बैठता था और दाएं हाथ से चाबुक की मदद से घोड़ों का कंट्रोल करता था. इसी वजह से अमेरिकी लोग दाईं तरफ चलने लगे और यही चलन आगे भी जारी रहा और कार के स्टेयरिंग बाईं तरफ बनाने शुरू हुए. 

बाईं ओर ड्राइवर के बैठने से होती थी ये दिक्कत

जब ड्राइवर बाईं ओर बैठता था तो उसके लिए दाईं ओर से आने वाले या पीछे से आगे आने वाले वाहनों को देखने में आसानी होती थी. यही वजह रही कि अमेरिका में कार में स्टेयरिंग व्हील बाईं तरफ दिया जाने लगा. बता दें कि ये नियम अमेरिका के साथ-साथ कनाडा में भी लागू है.