Second hand car: सेकेंड हैंड गाड़ियों की खरीद-बिक्री को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार ने बड़ा ऐलान किया है. छत्तीसगढ़ में पुराने वाहनों की खरीदी-बिक्री के लिए अब परिवहन अधिकारी के दफ्तर जाने की जरूरत नहीं होगी. अब यह काम परिवहन सुविधा केंद्रों से ही हो जाएंगे. न्यूज एजेंसी आईएएनएस की खबर के मुताबिक, आधिकारिक जानकारी में बताया गया है कि परिवहन विभाग ने आधार ऑथेंटिकेशन नाम से नई प्रक्रिया शुरू की है. इसके तहत गाड़ी को खरीद-बिक्री करने वाले अपने नजदीकी परिवहन सुविधा केंद्र जाएंगे और आसानी से नाम ट्रांसफर करा सकेंगे. इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि नाम ट्रांसफर के खेल में दलालों की सक्रियता कम हो जाएगी. अभी जानकारी के अभाव में ज्यादातर लोग दलालों के चक्कर में फंसते हैं और दलाल मोटी रकम ऐंठते हैं.

100 रुपये एक्सट्रा में ट्रांसफर हो जाएगा नाम

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परिवहन अफसरों की मानें तो इस नई व्यवस्था के शुरू होने से लोगों को सीधा लाभ मिलेगा. अभी जितना पैसा ट्रांसफर में लग रहा है, उसमें 100 रुपए अतिरिक्त परिवहन सुविधा केंद्र को देने होंगे. परिवहन आयुक्त दीपांशु काबरा ने बताया कि परिवहन विभाग की इस नई व्यवस्था के शुरू होने से सेकंड हैंड गाड़ी की खरीदी-बिक्री करने वालों को अब परिवहन सुविधा केंद्र के माध्यम से घर के पास सुविधा दी जाएगी.

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2 लाख से ज्यादा खरीदी-बेची जाती है सेकेंड हैंड गाड़ियां

आरटीओ के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में हर साल 2 लाख से ज्यादा सेकेंड हैंड गाड़ियां खरीदी और बेची जाती हैं, इन गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट ट्रांसफर करना होता है. यह काम बेहद पेचीदा होता है.

गाड़ी का ओनरशिप ट्रांसफर करवाना है जरूरी

बता दें जब तक गाड़ी की ओनरशिप वाहन खरीदार अपने नाम ट्रांसफर नहीं करते, तब तक विधिक रूप से उस गाड़ी के मालिक नहीं कहे जाते हैं. इसी तरह अगर आपने गाड़ी बेची है और अगर उस गाड़ी से एक्सीडेंट या कोई अपराध घटित होता है तो आरसी बुक में दर्ज व्यक्ति के नाम से कार्यवाही होती है. अगर आप पुरानी कार या बाइक खरीद या बेच रहे हैं, तो उसके लिए रजिस्ट्रेशन ट्रांसफर करना जरूरी होता है.

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प्रदेश भर में परिवहन विभाग ने 500 सुविधा केंद्र तो वहीं रायपुर जिले में करीब 50 सुविधा केंद्र खोले हैं. वर्तमान में यहां परिवहन संबंधित कामों के लिए ऑनलाइन फार्म भरने का काम किया जाता है. विभाग अब इन सेवा केंद्रों पर आधार ऑथेंटिकेशन शुरू कर रहा है. यहां क्रेता-विक्रेता को अपना आधार नंबर बताना होगा.

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