यह बैटरी 15 मिनट में ही इलेक्ट्रिक गाड़ी को कर देगी चार्ज, होगी सुविधा
मुंबई के स्टार्टअप गीगाडाइन एनर्जी ने इस खास बैटरी को तैयार किया है. कंपनी का कहना है कि इस बैटरी की क्षमता में और बढ़ोतरी की जा सकती है. साथ ही उनका यह दावा है कि वर्तमान समय में इस्तेमाल होने वाली लीथियम आधारित बैटरी की तुलना में यह अधिक सक्षम है.
आने वाला समय इलेक्ट्रिक कारों या वाहनों का होगा. वाहन कंपनियां इस पर जोर-शोर से काम भी कर रही हैं. लेकिन इसमें एक बड़ी चुनौती है बैटरी. गाड़ियों को जल्द चार्ज करने की चुनौती है. लेकिन एक स्टार्टअप ने ऐसी बैटरी बनाई है जो मात्र 15 मिनट में ही इलेक्ट्रिक गाड़ी को चार्ज कर देगी. कंपनी का मानना है कि इससे इलेक्ट्रिक वाहन आमलोगों के लिए सस्ते हो सकते हैं और इस ओर लोगों का रुझान भी बढ़ेगा.
बैटरी का पेटेंट लेना बाकी
मुंबई के स्टार्टअप गीगाडाइन एनर्जी ने इस खास बैटरी को तैयार किया है. हालांकि कंपनी को इसका पेटेंट नहीं मिला है. उसका कहना है कि हम इसके अंतरराष्ट्रीय पेटेंट के लिए प्रयास करेंगे. कंपनी का कहना है कि इस बैटरी की क्षमता में और बढ़ोतरी की जा सकती है. साथ ही उनका यह दावा है कि वर्तमान समय में इस्तेमाल होने वाली लीथियम आधारित बैटरी की तुलना में यह अधिक सक्षम है.
बैटरी है बड़ी चुनौती
स्टार्टअप गीगाडाइन एनर्जी के संस्थापक और सीईओ जुबीन वर्गीज ने कहा कि फिलहाल इलेक्ट्रिक वाहनों की कुल कीमत में 40 फीसदी तक उनकी बैटरी का ही दाम होता है. ऐसे में बैटरी की कीमत घटानी बेहद जरूरी है. कीमत तभी घटेगी जब चार्ज करने का समय कम होगा. भारत वर्ष 2030 तक शत-प्रतिशत सड़कों पर बैटरी से चालित यानी इलेक्ट्रिक गाड़ियों को सड़कों पर देखना चाहता है. ऐसे में आज इलेक्ट्रिक वाहनों के दाम का एक बड़ा हिस्सा बैटरी का होता है. इसलिए भारत संभवत: बैटरी विनिर्माण उद्योग में अग्रणी स्थान हासिल कर सकता है.
लीथियम आयन लंबा वक्त लेती है
फिलहाल लीथियम आयन (एलआई) इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने का एक बड़ा स्रोत है. वर्ष 2006 में जब लीथियम आयन बैटरी की मांग सामने आई थी, तब से लेकर 2016 तक इन बैटरियों ने दुनियाभर में मांग में 50 प्रतिशत का योगदान दिया. लेकिन सबसे बड़ी चुनौती यह है कि ये बैटरी चार्ज करने में लंबा वक्त लेती हैं, ऐसे में ये इलेक्ट्रिक वाहन को चार्ज करने के लिए यह व्यावहारिक तौर पर सही नहीं है. हमें तेजी से चार्ज करने वाली तकनीक पर काम करना होगा.
(इनपुट एजेंसी से)