Investment for Daughter: बेटी नाम से ₹5,000 की SIP कराएं या SSY में करें इन्वेस्ट? कैलकुलेशन से जानिए कहां ज्यादा फायदा
SIP और SSY लॉन्ग टर्म में मोटा पैसा जोड़ने के लिहाज से दोनों ही स्कीम्स अच्छी हैं. लेकिन अगर आपको किसी एक स्कीम का चुनाव करना हो तो कहां निवेश करना बेहतर होगा? दोनों के फायदे-नुकसान और रिटर्न को देखकर लीजिए डिसीजन.
SSY Vs SIP: अगर आप बेटी के पिता हैं और उसके फ्यूचर की तमाम जरूरतों को पूरा करने के लिए उसके नाम से इन्वेस्टमेंट शुरू करना चाहते हैं, तो आपके पास SIP और सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) दोनों ऑप्शन मौजूद हैं. SIP मार्केट लिंक्ड स्कीम है, इसके जरिए म्यूचुअल फंड्स में निवेश किया जाता है. जबकि SSY एक सरकारी स्कीम है जिस पर मौजूदा समय में 8.2% ब्याज दिया जा रहा है. लॉन्ग टर्म में मोटा पैसा जोड़ने के लिहाज से दोनों ही स्कीम्स अच्छी हैं. लेकिन अगर आपको किसी एक स्कीम का चुनाव करना हो तो कहां निवेश करना बेहतर होगा? अगर आप ये सोचकर कन्फ्यूज हैं तो यहां दोनों स्कीम्स के रिटर्न के बारे में समझ लें, इससे आपके लिए फैसला लेना काफी आसान हो जाएगा.
SSY Vs SIP: पहले समझिए फायदे-नुकसान
SSY का एक फायदा ये है कि इसमें आप तीन तरह से टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं. ये स्कीम EEE कैटेगरी में आती है. इसमें हर साल जमा करवाई जाने वाली राशि पर टैक्स नहीं लगता, इसके अलावा हर साल हासिल होने वाला ब्याज पर टैक्स नहीं लगता और मैच्योरिटी के समय मिलने वाली पूरी राशि भी टैक्स फ्री होती है यानी इन्वेस्टमेंट, इंट्रस्ट/रिटर्न और मैच्योरिटी तीनों में टैक्स की बचत होती है. लेकिन एसआईपी में आपको टैक्स में छूट नहीं मिलती है.
इसके अलावा सुकन्या समृद्धि में मिलने वाला रिटर्न निश्चित है, लेकिन SIP में गारंटीड रिटर्न नहीं होता क्योंकि ये मार्केट लिंक्ड है. हालांकि एक्सपर्ट्स लॉन्ग टर्म में इसे निवेश का बेहतर ऑप्शन मानते हैं. SIP में लॉन्ग टर्म में रुपी कॉस्ट एवरेजिंग का फायदा मिलता है, ऐसे में जोखिम काफी कम हो जाता है. एसआईपी में औसतन रिटर्न 12 फीसदी माना जाता है. ये सुकन्या की तुलना में काफी अच्छा है. कई बार इससे ज्यादा भी ब्याज मिल जाता है.
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अगर आपकी बेटी की उम्र 10 साल से कम है तो ही आप सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश कर सकते हैं. लेकिन SIP में उम्र का कुछ लेना देना नहीं, आप कभी भी बच्ची के नाम से निवेश कर सकते हैं.
SIP में निवेश बेशक 15 साल तक करना है, लेकिन उसके बाद कई साल आपकी रकम लॉक रहती है. ऐसे में आप उसका इस्तेमाल नहीं कर सकते. SIP फ्लैक्सिबल होती है. इसे आप कभी भी शुरू कर सकते हैं और कभी भी बंद कर सकते हैं.
SSY में अधिकतम 1.5 लाख रुपए तक ही सालाना जमा किए जा सकते हैं, लेकिन SIP में ऐसी कोई लिमिट नहीं है. आप कितना भी पैसा इसमें लगा सकते हैं.
5000 रुपए मंथली डिपॉजिट पर SSY का रिटर्न
SSY में 15 साल तक निवेश किया जाता है, इसके बाद उस रकम को लॉक रखा जाता है. 21 साल बाद स्कीम मैच्योर होती है यानी मैच्योरिटी रकम आपको 21 साल बाद मिलती है. ऐसे में अगर आप सुकन्या समृद्धि योजना में 5000 रुपए हर महीने निवेश करते हैं तो साल में 60,000 और 15 सालों में 9,00,000 रुपए इन्वेस्ट होंगे. मौजूदा ब्याज दर के हिसाब से कैलकुलेट करें तो 8.2 फीसदी ब्याज दर के हिसाब से 21 साल में कुल 18,71,031 रुपए ब्याज मिलेगा और 21 साल बाद मैच्योरिटी रकम 27,71,031 रुपए मिलेगी.
5000 रुपए की मंथली SIP से कितना रिटर्न
वहीं अगर आप हर महीने 5000 रुपए SIP के जरिए म्यूचुअल फंड्स में लगाते हैं तो 15 सालों में आप 9,00,000 रुपए यहां भी निवेश करेंगे. SIP पर औसत रिटर्न 12 फीसदी का माना जाता है. कई बार इससे ज्यादा भी मिल जाता है. ऐसे में अगर 12 फीसदी के हिसाब से कैलकुलेशन करें तो 15 वर्षों में 9 लाख के निवेश पर 16,22,880 रुपए ब्याज मिलेगा. अगर आप इस रकम को अगर 15 सालों में ही विड्रॉल कर लेते हैं तो आपको 25,22,880 रुपए मिलेंगे. ये अमाउंट सुकन्या समृद्धि पर 21 साल में मिल रहे रिटर्न के आसपास ही है.
वहीं अगर आप इस निवेश को 1 साल और जारी रख लें यानी 15 की बजाय 16 साल निवेश कर लें, तो 12 फीसदी के हिसाब से 29,06,891 रुपए मिलेंगे, जोकि सुकन्या समृद्धि योजना के रिटर्न से कहीं ज्यादा हैं. अगर इस निवेश को लगातार 21 साल तक जारी रखें तो आप SIP के जरिए 12 फीसदी रिटर्न के हिसाब से 56,93,371 रुपए तक प्राप्त कर सकते हैं, जबकि आपका निवेश कुल 12,60,000 रुपए का होगा. यानी आपको निवेश पर 44,33,371 रुपए सिर्फ ब्याज के तौर पर मिलेंगे.
07:00 AM IST