शी जिंगपिंग को तीसरी बार चीन का राष्ट्रपति चुना गया है. नेशनल पीपल्स कांग्रेस  की 14वीं बैठक में शी के तीसरी बार राष्ट्रपति बनने पर मुहर लग गई  थी. 10 मार्च 2023 को उनका तीसरा कार्यकाल दिया गया. 69 साल के शी तीसरे कार्यकाल के साथ ही आधुनिक चीन के सबसे लंबे वक्त तक राष्ट्र प्रमुख बन जाएंगे. वहीं, माऊ त्सेतुंग  के बाद वह दूसरे नेता है, जिन्हें लगातार तीसरे कार्यकाल के लिए चुना गया है.     

टूटी चार दशक लंबी परंपरा

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शी जिनपिंग को तीसरी बार राष्ट्रपति चुनने के साथ ही चीन की कम्युनिस्ट पार्ट का चार दशक पुराना नियम टूट गया. साल 1982 से राष्ट्रपति पद का कार्यकाल 10 साल का होता था. शी को तीसरा कार्यकाल देने के साथ ही ये नियम टूट गया है. आपको बता दें कि पांच मार्च को चीन की संसद नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की बैठक की शुरुआत हुई थी. हफ्तेभर चली इस बैठक में शी की कई नीतियों खासकर जीरो कोविड पॉलिसी को लेकर सवाल उठाए गए. हालांकि, शी इन सभी आरोपों से पार पाने में सफल हुए.   

पांच फीसदी रखा आर्थिक विकास का टारगेट 

नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की बैठक में देश की आर्थिक विकास दर को पांच फीसदी रखने का टारगेट सेट किया है. वहीं, चीन ने साल 2023 में रक्षा बजट 18 लाख करोड़ रुपए रखा है. भारत के मुकाबले ये तीन गुना ज्यादा है. हालांकि, चीन की अर्थव्यवस्था कोविड के बाद से धीमी गति से बढ़ रही है. साल 2022 में चीन की अर्थव्यवस्था की रफ्तार महज तीन फीसदी रह गई थी. चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के मुताबिक, 2022 में देश का जीडीपी 1,21,020 अरब युआन था. इससे पहले साल 1974 में चीन की विकास दर 2.3 फीसदी थी. 

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शी जिनपिंग के पक्ष में हुआ मतदान करीब एक घंटे तक ही चला. काउंटिंग करीब 15 मिनट तक चली. शी के अलावा झाओ लेजी को संसद का नया अध्यक्ष और हान झेंग को नया उपाध्यक्ष चुना गया. साल 2012 में शी जिनपिंग ने पहली बार सत्ता संभाली थी. उन्हें कोर लीडर ऑफ चाइना का टाइटल दिया गया था.