हम कहते हैं टैक्स हटाओ, वे कहते हैं 'हम पर ज्यादा से ज्यादा टैक्स लगाओ'
अमेरिका के करीब 20 अरबपतियों ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और अन्य प्राथमिकताओं का पूरा करने के लिए उन पर अधिक कर लगाया जाना चाहिए. इन अत्यधिक अमीर अमेरिकियों ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों से कहा कि वे अमीरों पर ऊंचा कर लगाने को समर्थन दें.
जैसे-जैसे साल पूरा होता है आदमी का सारा ध्यान टैक्स बचाने पर लग जाता है. टैक्स बचाने के लिए लोग क्या-क्या जतन नहीं करते, कोई बीमा पॉलिसी में निवेश करता है तो कोई अपने खर्च बढ़ाकर टैक्स बचाता है. लेकिन अमेरिका के लोग सरकार से मांग कर रहे हैं कि उन पर अधिक टैक्स लगाया जाए.
जी हां, यह बात सोलह आने सच है. अमेरिका के करीब 20 अरबपतियों ने कहा कि जलवायु परिवर्तन और अन्य प्राथमिकताओं का पूरा करने के लिए उन पर अधिक कर लगाया जाना चाहिए. इन अत्यधिक अमीर अमेरिकियों ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों से कहा कि वे अमीरों पर ऊंचा कर लगाने को समर्थन दें.
यह संदेश देने वाले समूह में जॉर्ज सोरोस, फेसबुक के सह संस्थापक क्रिस ह्यूजेज, वॉल्ट डिज्नी के वंशज और हयात होटल श्रृंखला के मालिक शामिल हैं. समूह ने कहा कि अमेरिका की हमारी संपत्ति पर अधिक कर लगाना एक नैतिक, सैद्धान्तिक और आर्थिक जिम्मेदारी बनती है.
इन लोगों ने कहा कि अरबपति निवेशक वारेन बफे ने कहा था कि उन पर उनके सचिव से भी कम की दर से कर लगता है. समूह ने कहा कि संपदा कर से जलवायु समस्या को हल किया जा सकता है और अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य को सुधारा जा सकता है. इससे हमारी लोकतांत्रिक आजादी भी मजबूत होगी.
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के एक अर्थशास्त्री गैब्रियल ज़ुकमान द्वारा हाल ही में किए एक सर्वे के मुताबिक, अमेरिका के 0.1 फीसदी लोग शेष 80 फीसदी जनता से अधिक पैसा कमाते हैं. देश की लगभग 20 फीसदी संपत्ति देश के सबसे अमीर लोगों की है.
आर्थिक जगत के जानकारों का कहना है कि अमेरिका के अमीरों की यह पहल अनूठी होने के साथ-साथ बहुत ही अच्छी है, निश्चित ही यह कोशिश अन्य लोगों को भी टैक्स देने के लिए प्रेरित करेगी. टैक्स देने से देश के विकास के कामों को गति मिलती है और जो काम कम बजट के कारण सरकार नहीं कर पाती है उन कामों को करने की पहल शुरू होगी.
(इनपुट भाषा से)