चीन की अर्थव्यवस्था क्या डूब रही है? राष्ट्रपति जिनपिंग ने क्यों मांगी इनसे मदद
अमेरिका के साथ ट्रेड वार, भारी कर्ज और मुद्रा कमजोर पड़ने से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के वृद्धि गति खोने के संकेतों के बीच चीनी राष्ट्रपति ने यह बैठक की.
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने देश की अर्थव्यवस्ता में अनिश्चितता की बात को स्वीकार किया है. उन्होंने एक बैठक में चीन के उद्योगपतियों को कर दरें कम करने और अधिक वित्तपोषण के जरिए एक बार फिर से आश्वस्त करते हुए निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए कहा है. आपको बता दें कि अमेरिका के साथ ट्रेड वार, भारी कर्ज और मुद्रा कमजोर पड़ने से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के वृद्धि गति खोने के संकेतों के बीच शी ने यह बैठक की है.
कारोबारियों से निवेश बढ़ाने को कहा
आधिकारिक समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर के मुताबिक शी ने कहा, 'हालांकि संपूर्ण तौर पर चीन की आर्थिक स्थिति स्थिर है लेकिन देश के आर्थिक विकास में अनिश्चितता स्पष्ट तौर पर बढ़ी है. गिरावट का दबाव बढ़ा है. कंपनियों को अधिक मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.' इस साल कई बार निजी कंपनियों के लिए समर्थन व्यक्त कर चुके शी ने कॉरपोरेट करों में कमी और कंपनियों की धन की समस्या को दूर करने सहित कई नीतिगत सुझाव दिये. इस सप्ताह में यह दूसरी बैठक थी, जिसमें चीनी नेताओं ने देश की अर्थव्यवस्था को बचाने का संकल्प जताया है.
2009 के स्तर पर आई आर्थिक गति
चीन की आर्थिक रफ्तार साल 2009 के बाद से सबसे कम पर आ गई है, जबकि एक साल पहले की तीसरी तिमाही में इसमें 6.5 फीसदी की वृद्धि दर दर्ज की गई थी. चीन की सरकार ने शुक्रवार को यह घोषणा ऐसे समय की, जब अमेरिका के साथ उसका ट्रेड वार चल रहा है. चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो ने कहा कि साल-दर-साल आधार पर तीसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था की रफ्तार 6.5 फीसदी रही, जो कि अनुमानित दर 6.6 फीसदी से कम है, जबकि इस साल की दूसरी तिमाही में यह 6.7 फीसदी रही थी.
चीन की अर्थव्यवस्था 14,000 अरब डॉलर
चीन की अर्थव्यवस्था 14,000 अरब डॉलर की है, जोकि अमेरिका के बाद दूसरे नंबर पर है. दुनिया के किसी भी देश की विकास दर चीन जितनी नहीं है, जिसने पिछले 30 सालों से साल 2013 तक दोहरे अंकों में विकास दर हासिल की. लेकिन विभिन्न कारकों के कारण एशियाई दिग्गज की आर्थिक रफ्तार घट गई है. इसमें सबसे अहम भूमिका अमेरिका से छिड़े ट्रेड वार की है, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुरू किया था.
अमेरिका ने 250 अरब डॉलर के सामान पर शुल्क लगाया
अमेरिका ने चीन से आयात किए जाने वाले 250 अरब डॉलर के सामानों पर शुल्क लगा दिया था, जिसके जबाव में चीन में 110 अरब डॉलर के अमेरिकी सामानों पर आयात शुल्क लगा दिया. अभी तक अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस मुद्दे पर चीन से बातचीत का कोई संकेत नहीं दिया है और धमकी दी है कि वह चीन के बाकी बचे 267 अरब डॉलर के सामानों पर भी शुल्क लगा देंगे.
एजेंसी इनपुट के साथ