PM Modi ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से की बात, FTA को लेकर हुई चर्चा, आखिरी दौर पर है बातचीत
India Britain FTA: भारत और ब्रिटेन के बीच एफटीए पर पूरी दुनिया की नजरें हैं. अब भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक के साथ एफटीए के मुद्दे पर बातचीत की है.
India Britain FTA: भारत और चार यूरोपीय देशों के समूह ईएफटीए के बीच मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) पर साइन हो गए हैं. इस समझौते की सफलता के बाद अब पूरी दुनिया की नजर भारत और ब्रिटेन के बीच होने वाले मुक्त व्यापार समझौते पर है. पीएम नरेंद्र मोदी ने ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक से बात की है. इस दौरान FTA को लेकर चर्चा हुई. पीएम नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. गौरतलब है कि भारत और ब्रिटेन के बीच दो साल पहले यानी जनवरी, 2022 में एफटीए पर चर्चा शुरू हुई थी.
India Britain FTA: पीएम मोदी ने लिखा- 'जल्द ही समापन की तरफ कर रहे हैं काम'
पीएम नरेंद्र मोदी ने X पर लिखा,'ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ अच्छी बातचीत हुई. हमने द्विपक्षीय व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने और पारस्परिक रूप से लाभप्रद मुक्त व्यापार समझौते के शीघ्र समापन के लिए काम करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की.' आपको बता दें कि ब्रिटेन की व्यापार मंत्री केमी बडेनोच ने कहा था कि भारत के साथ जिस व्यापार समझौते पर चर्चा जारी है, उसे देश में आम चुनाव से पहले पूरा किया जा सकता है. केमी दोनों देशों के बीच एफटीए पर हस्ताक्षर के लिए प्रभारी मंत्री हैं.
India Britain FTA: अंतिम चरण में पहुंची FTA की बातचीत, इन मुद्दों पर हो रहा है समझौता
एफटीए के लिए बातचीत अंतिम चरण में पहुंच गई है.दोनों देशों के बीच एफटीए पर अब तक 13 दौर की बातचीत पूरी हो चुकी है और 14वें दौर की बातचीत 10 जनवरी 2024 में शुरू हुई थी. समझौते के लिए जारी बातचीत में शामिल कुछ प्रमुख मुद्दों में इलेक्ट्रिक वाहनों और व्हिस्की पर सीमा शुल्क में कटौती और पेशेवरों की आवाजाही शामिल है. प्रस्तावित द्विपक्षीय निवेश संधि (बीआईटी) पर भी बातचीत आगे बढ़ रही है.
India Britain FTA: दोनों पक्ष बचे हुए मुद्दों पर मतभेदों को कर रहे हैं दूर
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा था कि प्रस्तावित भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते के लिए बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है और दोनों पक्ष बचे मुद्दों पर मतभेदों को दूर करने के लिए काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा था, ‘भारत को वाणिज्यिक रूप से इसका लाभ उठाने के साथ ही अपने किसानों और पीएलआई (उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन) योजना में शामिल वस्तुओं के हितों की रक्षा करने में सक्षम होना चाहिए. इसलिए, हम यह इस बात का ध्यान रख रहे हैं कि समझौता उपयुक्त हो.'