पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को लग सकता है झटका, FATF को लेकर इमरान खान की धड़कन बढ़ी
FATF की बैठक से पहले पाकिस्तान के खिलाफ अमेरिका द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव का भारत, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे देशों ने समर्थन किया है.
आतंकवाद को मदद करना पाकिस्तान (Pakistan) को एक बार फिर बहुत भारी पड़ सकता है. पेरिस (Paris) में इन दिनों फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (Financial Action Task Force-FATF) की बैठक चल रही है और इस बैठक में फैसला किया जाएगा कि पाकिस्तान को ग्रे (FATF grey list)लिस्ट में पड़े रहने दिया जाए या फिर उसे राहत दी जाए. यह बैठक 21 फरवरी तक चलेगी और उसी दिन पाकिस्तान के भविष्य का फैसला किया जाएगा. बैठक में पाकिस्तान ने बीते तीन माह के दौरान आतंकवाद के लिए हो रही फंडिंग रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं, उसको देखते हुए फैसला होगा.
हालांकि पाकिस्तान अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है. इस बैठक को देखते हुए ही पाकिस्तान में पिछले हफ्ते मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को पाकिस्तान की कोर्ट ने सजा सुनाई थी. टेरर फंडिंग केस में आतंकी हाफिज सईद को 5 साल, 6 महीने कैद की सजा सुनाई गई.
हालांकि अंतरराष्ट्रीय बिरादरी पाकिस्तान के इस कदम को FATF की बैठक से जोड़कर देख रही है. कहा तो यह भी जा रहा है कि FATF की बैठक के बाद हाफिज सईद की रिहाई हो सकती है. जानकार बताते हैं कि हाफिज सईद (Hafiz Saeed) की गिरफ्तारी को लेकर दिए गए आदेशों में जानबूझकर ऐसी कमियां छोड़ी गई हैं, जो उसे कभी भी रिहा करा सकती हैं.
जानकारी मिली है कि पाकिस्तान के खिलाफ अमेरिका द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव का भारत, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे देशों ने समर्थन किया है. बताया जा रहा है कि पाकिस्तान के मित्र चीन ने भी इस मुद्दे पर पाकिस्तान से किनारा कर लिया है. FATF में इस समय भारत समेत कुल 39 देश और संगठन शामिल हैं.
बता दें कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था इस समय पूरी तरह से चरमराई हुई है. यहां खाने-पीने के सामान के दाम आसमान छू रहे हैं. पाकिस्तान की इमरान खान सरकार को पिछले दिनों प्रधानमंत्री कार्यालय की गाड़ियां तक बेचनी पड़ी थीं.
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एफएटीएफ की बैठक में अगर पाकिस्तान को राहत नहीं मिलती है तो उसे मिलने वाली अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मदद नहीं दी जाएगी. और इस समय पाकिस्तान को अपनी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए इस मदद की बहुत ही सख्त जरूरत है.