पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF- International Monetary Fund) को संतुष्ट करने के लिए किसानों समेत सभी बिजली उपभोक्ताओं पर नए टैक्स लगाने की मंजूरी दे दी है. इससे सरकार को 170 अरब रुपये का अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद है. पाकिस्तान सरकार ने एक आधिकारिक बयान में ये जानकारी दी. इस कदम को IMF की तरफ से रखी गई शर्त के तौर पर देखा जा रहा है. राहत पैकेज के तहत 1.1 अरब डॉलर की नई किस्त जारी करने के पहले IMF ने पाकिस्तान की सरकार से कुछ कड़े कदम उठाने के लिए कहा था.

वित्त मंत्री ने बैठक में किया बिजली के दाम बढ़ाने का फैसला

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IMF के एक प्रतिनिधिमंडल ने किस्त जारी करने के विषय में पाकिस्तान के अधिकारियों के साथ दस दिन तक बातचीत की थी. लेकिन कर्मचारी स्तर के समझौते पर हस्ताक्षर किए बगैर ही IMF का प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को वॉशिंगटन लौट गया. बातचीत में पाकिस्तानी पक्ष के प्रमुख वित्त मंत्री इसहाक डार ने शुक्रवार को बताया कि इस बातचीत को गति देने के लिए कुछ कड़े कदम उठाने की जरूरत है. दोनों पक्ष सोमवार से वर्चुअल मीटिंग शुरू करेंगे. इसके कुछ घंटे बाद इसहाक डार ने मंत्रिमंडल की आर्थिक समन्वय समिति (ECC- Economic Coordination Committee) की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें बिजली के दाम बढ़ाने का फैसला किया गया.

आम नागरिकों के साथ-साथ किसानों पर भी बढ़ेगा बोझ

ECC ने IMF की अग्रिम शर्तें पूरी करने के लिए जीरो-रेटिंग वाले उद्योगों के साथ-साथ किसान पैकेज पर दी जाने वाली बिजली टैरिफ सब्सिडी को भी बंद करने की मंजूरी प्रदान कर दी. ये आदेश 1 मार्च से प्रभावी माना जाएगा. नकदी संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार तीन अरब डॉलर से भी नीचे आ गया है. पाकिस्तान को आर्थिक रूप से धराशायी होने से बचने के लिए इस समय वित्तीय मदद और IMF से राहत पैकेज की बहुत ज्यादा जरूरत है.

भाषा इनपुट्स के साथ