पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान आर्थिक तंगी से बेहाल है. महंगाई की मार के बीच देश दिवालिया होने के कगार पर पहुंच गया है. पाक की अब सारी उम्मीद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मिलने वाले बेलआउट पैकेज पर टिकी हुई है. हालांकि, इसके बदले आईएमएफ ने कुछ कठिन शर्तें पाकिस्तान पर थोपी हुई है. पाक के सामने इन शर्तों को मानने के अलावा कोई चारा नहीं है. हालांकि, पाक के लिए ये आगे कुआं और पीछे खाई जैसी परिस्थिति है. पाक यदि ये शर्तें मान लेता है तो जनता पर पहले से ही पड़ रही महंगाई की मार दोगुनी हो जाएगी.   

IMF की तीन शर्तें

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पाकिस्तान के सामने जो तीन शर्तें रखी है उनमें पहली है कि पाक को अलग-अलग टैक्स के जरिए 170 अरब रुपए वसूलने के लिए कहा गया है. पाकिस्तान पर पहले से ही 900 अरब डॉलर का सर्कुलर कर्ज है. दूसरी शर्त ये है कि पाकिस्तान को सामान के निर्यात में टैक्स में छूट देनी होगी. वहीं, तीसरी और सबसे कठिन शर्त है कि किसी भी कीमत में उसके विदेशी मुद्रा भंडार में डॉलर की कमी नहीं होनी चाहिए.  पाक यदि ये तीन शर्तें पूरी करता है तो ही इसे लोन मिलेगा. पाक के वित्त मंत्री इशाक डार ने कहा है कि पाक को इस वक्त की सख्त जरूरत है तो इन शर्तों को जल्द से जल्द माना जाएगा.   

पेट्रोल पर लग सकता है 17 फीसदी तक जीएसटी

पाक पीएम शहबाज शरीफ की सरकार यदि शर्तों को मान लेती है तो पेट्रोल, डीजली और बिजली जैसी रोजमर्रा की जरूरत पर भार भरकम टैक्स लग सकता है. आईएमएफ ने पेट्रोल पर 17 फीसदी तक जीएसटी लगाने की सलाह दी है. वहीं, बिजली पर दी जाने वाली छूट खत्म हो सकती है. दिसंबर 2022 में पाकिस्तान में महंगाई की दर 24.5 फीसदी तक रही थी. एक लीटर दूध की कीमत 150 पाकिस्तानी रुपए हो गई है. एक किलो प्याज की कीमत 231 रुपए है. एक दर्जन अंडों की कीमत 285 रुपए है.

Zee Business Hindi Live TV यहां देखें

 

पाकिस्तान का कुल कर्ज जीडीपी का 78 फीसदी है. वहीं, पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से गिर रहा है. फरवरी 2023 में डॉलर के मुकाबले एक पाकिस्तानी रुपए की कीमत 269.27 रुपए थी. पाकिस्तान ने केवल चीन से ही 30 अरब डॉलर का कर्ज लिया है.