पहले से बदहाल पाकिस्तान पर महंगाई की दोहरी मार, सिगरेट का शौक पड़ेगा भारी, घी, तेल, मसाले की कीमतों में भी लगी आग
Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान में पहले से महंगाई की मार झेल रहे लोगों को अब रोजमर्रा के कई सामानों पर अधिक कीमत चुकाना होगा.
Pakistan Economic Crisis: पाकिस्तान में पहले से महंगाई की मार झेल रहे लोगों को अब घी, तेल मसाले जैसी रोजमर्रा की चीजों के लिए भी अधिक दाम देना पड़ेग. पाकिस्तान सरकार ने बुधवार को सिगरेट पर टैक्स बढ़ाने के साथ-साथ सभी पैकेज्ड वस्तुओं पर सामान्य बिक्री कर (GST) बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया. IANS की खबर के मुताबिक, पाकिस्तानी मीडिया ने बताया कि फेडरल बोर्ड ऑफ रेवेन्यू (एफबीआर) ने इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की, जिसके बाद GST तुरंत प्रभावी हो जाएगा.
इन चीजों की कीमतों में लगी आग
रिपोर्ट में कहा गया है कि खाद्य तेल, घी, बिस्कुट, मसाले, जैम, जेली, नूडल्स, खिलौने, चॉकलेट और कॉफी, जो पैक्ड आइटम की श्रेणी में आते हैं, महंगे हो जाएंगे. इसके साथ ही यह मेकअप प्रोडक्ट्स, शेविंग फोम, जेल, क्रीम, ब्लेड, शैम्पू, क्रीम, लोशन, साबुन और टूथपेस्ट पर भी लागू होगा. जीएसटी प्रतिशत में वृद्धि के साथ, टीवी, एलईडी, एलसीडी, स्मार्टफोन, आईपॉड, कंप्यूटर, लैपटॉप और गैजेट्स, जूसर, ब्लेंडर, शेकर्स और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान अधिक महंगे हो जाएंगे.
किन पर पड़ेगा टैक्स का बोझ
समा टीवी के मुताबिक, अर्थशास्त्रियों ने कहा कि जीएसटी रेट में 1 प्रतिशत की वृद्धि से पाकिस्तानी आबादी पर 50 अरब रुपये से अधिक का बोझ पड़ेगा. कर कानून संशोधन विधेयक 2023 के रूप में मिनी-बजट पर संघीय कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद एफबीआर ने GST दर को मानक 17 प्रतिशत से बढ़ाकर 18 प्रतिशत करने और संघीय को बढ़ाने के लिए वैधानिक नियामक आदेश (SRO) जारी किया.
IMF की शर्तों का असर
द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार द्वारा IMF की शर्तो के अनुरूप 170 अरब रुपये में से 115 अरब रुपये अतिरिक्त लाने के लिए सिगरेट पर उत्पाद शुल्क (FED) लगाया गया है.हालांकि, शीर्ष आधिकारिक सूत्रों ने खुलासा किया कि सरकार ने 25 प्रतिशत की दर से उच्च अंत लक्जरी वस्तुओं पर जीएसटी को भी मंजूरी दे दी है, लेकिन इसे कर संशोधन विधेयक 2023 के माध्यम से पेश किया जाएगा, जिसे संसद में पेश किया जाएगा.
FBR ने उन सभी आयातित विलासिता की वस्तुओं पर जीएसटी दर बढ़ा दी, जिन पर वाणिज्य मंत्रालय ने आयात को और महंगा बनाने के लिए कुछ समय पहले प्रतिबंधित कर दिया था. द न्यूज ने बताया कि कुछ स्थानीय रूप से निर्मित विलासिता के सामानों पर जीएसटी की बढ़ी हुई दर का भी प्रस्ताव किया गया है.
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