भारत के साथ व्यापार बैन करके दवा के लिए मोहताज हुआ पाकिस्तान, आयात में राहत की मांग
भारत के साथ व्यापार संबंध तोड़ने के फैसले से पाकिस्तान में जीवनरक्षक दवाओं और दूसरी जरूरी वस्तुओं की कमी का जोखिम पैदा हो गया है.
भारत के साथ व्यापार संबंध तोड़ने के फैसले से पाकिस्तान में जीवनरक्षक दवाओं और दूसरी जरूरी वस्तुओं की कमी का जोखिम पैदा हो गया है. पाकिस्तान के एक उद्योग संगठन ने इसे देखते हुए सरकार से फिलहाल आयात नियमों को आसान करने की अपील की है. एक स्थानीय अखबार ने इसकी खबर दी है. पाकिस्तान के अखबार डॉन के अनुसार उद्योग संगठन एम्पलायर्स फेडरेशन ऑफ पाकिस्तान (ईएफपी) ने कहा कि भारत से कच्चा माल या तैयार उत्पाद के रूप में आयातित जीवनरक्षक दवाएं बाजार से खत्म हो सकती हैं. इसे देखते हुए वैकल्पिक जरियों का इंतजान नहीं हो जाने तक आयात में कुछ ढील दी जानी चाहिये.
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किए जाने के बाद पाकिस्तान ने भारत के साथ व्यापार संबंधों को पूरी तरह तोड़ लिया. ईएफपी ने हवाईअड्डों या बंदरगाहों पर पहुंच चुके भारतीय वस्तुओं को बाजार में बिकने की छूट देने की भी अपील की. उसने कहा कि जो उत्पाद पहले ही हवाईअड्डों और बंदरगाहों पर पहुंच चुके हैं, उन्हें स्थानीय बाजारों में बिकने दिया जाना चाहिये.
ईएफपी के उपाध्यक्ष जाकी अहमद खान ने शनिवार को एक बयान में कहा कि जीवनरक्षक दवाएं बनाने के लिये पाकिस्तान की दवा कंपनियों ने भारत से जिन सक्रिय औषधीय अवयवों का आयात किया है, उनका इस्तेमाल करने की छूट दी जानी चाहिये. हालांकि उन्हें यह छूट इस शर्त के साथ मिले कि वे तत्काल इन अवयवों के दूसरे जरिए तलाशेंगे.
पाकिस्तान के भारत के साथ व्यापार पर बैन लगाने के फैसले से भारत को कोई फर्क नहीं पड़ा है, क्योंकि देश के कुल विदेश व्यापार का महज 0.31 प्रतिशत ही पाकिस्तान के साथ होता है. इसके अलावा पाकिस्तान के साथ कारोबार में 80 प्रतिशत माल भारत से पाकिस्तान जाता है, जबकि पाकिस्तान से महज 20 फीसदी माल भारत आता है.