Iran President Mohammad Mokhber: हेलीकॉप्टर दुर्घटना में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत हो गई है. इसके बाद ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने प्रथम उपराष्ट्रपति मोहम्मद मोखबर को देश का कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया है. 85 वर्षीय अयातुल्ला अली खामेनेई ने रविवार को रईसी के निधन के बाद शोक संदेश जारी करते हुए यह घोषणा की है. आपको बता दें कि इस हादसे में ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन समेत हेलिकॉप्टर में सवार अन्य लोगों की भी मौत हो गई है. खामेनेई ने संदेश में पांच दिन का शोक मनाए जाने की भी घोषणा की है.

Iran President Mohammad Mokhber Facts: साल 2021 में बने थे देश के उपराष्ट्रपति, रह चुके हैं डिप्टी गवर्नर 

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ईरान के संविधान के अनुच्छेद 131 के मुताबिक यदि राष्ट्रपति के कार्यकाल के दौरान उनका निधन हो जाता है तो उपराष्ट्रपति सर्वोच्च नेता की मंजूरी से अस्थाई तौर पर राष्ट्रपति पद ग्रहण करता है. मोहम्मद मोखबर का जन्म 1 सितंबर 1955 को हुआ था. उन्हें अयातुल्ला अली खामेनेई का करीबी माना जाता है. साल 2021 में वह देश के उपराष्ट्रपति बने थे. वह फिलहाल एक्सपीडिएंसी डिस्कर्नमेंट काउंसिल के सदस्य भी हैं और  खुजेस्तान प्रांत के डिप्टी गवर्नर रह चुके हैं. इसके अलावा वह सिने बैंक के बोर्ड के अध्यक्ष भी रह चुके हैं.  

Iran President Mohammad Mokhber: पश्चिम देशों से हैं खराब रिश्ते, मोखबर पर लगाया था प्रतिबंध

मोहम्मद मोखबर के पश्चिमी देशों से खराब रिश्ते हैं. साल 2010 में यूरोपियन यूनियन ने मोखबर को उन व्यक्तियों की लिस्ट में शामिल किया था, जिन पर परमाणु या फिर ब्लैस्टिक मिसाइल का इस्तेमाल करने का आरोप लगा था. इसके बाद मोखबर पर बैन लगा दिया गया था. हालांकि, दो साल बाद ये बैन हट गया था. इसके अलावा वह मोखबर ईरान के अधिकारियों की टीम का हिस्सा थे, जिन्होंने अक्टूबर 2023 में मॉस्को का दौरा किया और रूस की सेना से सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल और ड्रोन की सप्लाई को मंजूरी दी थी. 

Iran President Mohammad Mokhber: मोहम्मद मोखबर के पास हैं दो डॉक्टरेट की डिग्रियां

अयातुल्लाह खोमेनई ने मोहम्मद मोखबर को साल 2007 में इन्वेस्टमेंट फंड सेटाड का नेतृत्व सौंपा था. गौरतलब है कि अमेरिका के ट्रेजरी डिपार्टमेंट ने साल 2013 में सेटाड और उसकी सब्सीडियरी 37 कंपनियों को बैन किया था. एजुकेशन की बात करें तो मोहम्मद मोखबर के पास दो डॉक्टरेट की डिग्री है. आपको बता दें कि ईरान में 1979 में हुई इस्लामी क्रांति के बाद सर्वोच्च नेता का पद बना था, इसे वेलायत-ए-फकीह कहा जाता है. सर्वोच्च नेता ही देश के प्रमुख फैसला लेता है.