UK PM Election Results: ऐसे वक्त में जब ब्रिटेन जबरदस्त महंगाई और आर्थिक अस्थिरता का दौर देख रहा है, देश को उसका अगला प्रधानमंत्री मिल गया है. कंजर्वेटिव पार्टी की उम्मीदवार लिज़ ट्रस ने पूर्व चांसलर भारतीय मूल के ऋषि सुनक को हरा दिया है. सोमवार को ट्रस के चुने जाने की घोषणा की गई. ब्रिटेन में आर्थिक चुनौतियों को देखते हुए इस बात पर सबसे ज्यादा चर्चा थी कि दोनों कैंडिडेट्स में से किसके पास देश की हालत सुधारने के लिए बेहतर विजन है. 

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आठ हफ्तों तक चली चुनावी लड़ाई में लिज़ ट्रस ने अपनी नीतियों को लेकर साफ-साफ पत्ते नहीं खोले थे, जिसपर उनकी आलोचना भी हुई थी. लेकिन हम एक बार उनके मेनिफेस्टो के कुछ वादों पर नजर डाल रहे हैं कि आखिर क्या-क्या वादे थे जिनके आगे ऋषि सुनक की उम्मीदवारी फीकी पड़ गई.

कॉस्ट ऑफ लिविंग घटाने का वादा

ब्रिटिश नागरिक इस वक्त आसमान छू रहे लिविंग कॉस्ट से सबसे ज्यादा परेशान है. इंफ्लेशन भी काफी ऊंचाई पर पहुंचा हुआ है. कॉस्ट ऑफ लिविंग को लेकर ट्रस बहुत खुलकर नहीं बोली हैं, लेकिन उन्होंने वादा किया है कि वो ऑफिस संभालने के एक हफ्ते के अंदर ही बिजली के बिल में राहत पहुंचाने पर काम करेंगी. उन्होंने यह भी कहा कि वो जितनी जल्दी हो सके इमरजेंसी बजट का गठन करेंगी.

कॉरपोरेट टैक्स में कटौती

सुनक और ट्रस के बीच में जिस एक मुद्दे पर बहुत बड़ा मतभेद दिखाई दिया, वो था कॉरपोरेट टैक्स. ऋषि सुनक ने 2023 में कॉरपोरेट टैक्स को 19 फीसदी से 23 फीसदी करने का प्रस्ताव दिया था और इसे प्रैक्टिकल सॉल्यूशन बताया था. लेकिन इसके उलट लिज़ ट्रस ने वादा किया कि वो कॉरपोरेट टैक्स में 30 बिलियन डॉलर के बराबर का टैक्स कट करेंगी. उनका कहना है कि ब्रिटिश इकोनॉमी को सुधारने का यही एक तरीका है.

रक्षा बजट बढ़ाने का वादा

लिज़ ट्रस ने कहा है कि वो साल 2030 तक डिफेंस स्पेंडिंग को बढ़ाकर जीडीपी का 3 प्रतिशत तक करने का लक्ष्य लेकर चल रही हैं. बोरिस जॉनसन की उत्तराधिकारी बनकर आईं लिज़ ट्रस यूक्रेन को लेकर उनकी ही नीति पर चलने वाली हैं. बोरिस जॉनसन ने यूक्रेन-रूस युद्ध में खुलकर यूक्रेन का साथ दिया और मदद पहुंचाई है. वो यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर ज़ेलेंस्की से मिलने भी जा चुके हैं. ट्रस ने कहा है कि उनके नेतृत्व में भी ब्रिटेन यूक्रेन का उसी मजबूती से साथ देता रहेगा.

ब्रेक्जिट पर बदला रुख

ब्रेक्जिट पर वोटिंग के वक्त यूरोपियन यूनियन में बने रहने के समर्थन में रहीं ट्रस अब ऐसे संकेत दे चुकी हैं कि वो ब्रिटेन की इकॉनमी के हित में यूरोपियन यूनियन के नियमों को भी धता बताने से नहीं हिचकेंगी. उन्होंने कहा है कि अगर ईयू के कोई नियम ब्रिटिश अर्थव्यवस्था के लिए बाधा बनते हैं, तो वो इसे खारिज करने या बदलने से पीछे नहीं हटेंगी.

हाउसिंग और क्लाइमेट पर वादा

पहले पर्यावरण मंत्री रह चुकीं लिज़ ट्रस ने वादा किया है कि वो 2050 तक कार्बन उत्सर्जन नेट जीरो तक पहुंचाने के वादे का सम्मान रखेंगी. उन्होंने सौर ऊर्जा प्लांट की बजाय न्यूक्लियर पावर स्टेशंस को बढ़ावा देने पर जोर दिया है. 

वहीं, क्लाइमेट की बेहतरी के कदमों के उलट उन्होंने हाउसिंग सेक्टर के लिए यह इरादा जताया है कि वो यूके में हर साल 3 लाख नए घर बनते देखना चाहती हैं.