Internet Freedom: दुनियाभर में इंटरनेट की आजादी पर पाबंदी लगाई जा रही है. अमेरिकी कंपनी फ्रीडम हाउस (Freedom House) की रिपोर्ट के मुताबिक लगातार 11वें वर्ष इंटरनेट की आजादी में गिरावट आई है. इसमें चीन टॉप पर है. टॉप 10 देशों की सूची में ईरान, म्यांमार, पाकिस्तान आदि देश शामिल है. आइसलैंड को इंटरनेट की स्वतंत्रता के लिए सबसे आदर्श देश माना गया है.

11 सालों से लगातार गिर रही है इंटरनेट की आजादी

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फ्रीडम हाउस की रिपोर्ट 'द ग्लोबल ड्राइव टू कंट्रोल बिग टेक' (The Global Drive to Control Big Tech) रिपोर्ट के अनुसार पिछले 11 वर्षों से लगातार इंटरनेट की आजादी में कमी आ रही है. इस बार म्यांमार, बेलारूस और यूगांडा में इंटरनेट पर सबसे ज्यादा पाबंदी लगाई गई है, जहां चुनावी और संवैधानिक संकटों के बीच सरकारों ने इंटरनेट को बाधित किया. फ्रीडम आन नेट प्रोजेक्ट के शुरू होने के बाद से म्यांमार में यह 14 अंकों की गिरावट अभी तक की सबसे बड़ी गिरावट है. 

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पिछले एक साल में कम से कम 48 देशों ने टेक कंपनियों के कंटेट, डेटा और कंपटीशन को लेकर नए नियम लागू किए हैं. कुछ मामलों को छोड़कर यह नियम टेक कंपनियों के प्राइवेट डेटा तक पहुंच हासिल करने के लिए किया जा रहा है.

चीन में स्थिति सबसे बुरी 

चीन (China) में ऑनलाइन असहमति, इंडिपेंडेट रिपोर्टिंग और डेली कम्यूनिकेशन के लिए कठोर सजा का प्रावधान है. चीन में कोरोना महामारी सबसे ज्यादा प्रतिबंधित विषयों में से है. चीनी अधिकारियों ने कंपटीशन और डेटा प्रोटेक्शन के नाम पर टेक कंपनियों पर नकेल कसा.

इन देशों की स्थिति रही सबसे खराब

फ्रीडम हाउस की रिपोर्ट के मुताबिक चीन इंटरनेट की पाबंदी के मामले में सबसे बुरी स्थिति में है. इसके अलावा टॉप 10 देशों में ईरान, म्यांमार, क्यूबा, वियतनाम, सऊदी अरब, पाकिस्तान, मिस्त्र, संयुक्त अरब अमीरात और इथोपिया हैं.

इन देशों में है इंटरनेट की आजादी

आइसलैंड को इंटरनेट की आजादी के लिए सबसे अच्छा देश माना गया है. बेहतर इंटरनेट की आजादी वाले इस लिस्ट में अन्य देशों में एस्तोनिया, कनाडा, कोस्टा रिका, ताइवान, जर्मनी, फ्रांस, यूके, जार्जिया और जापान शामिल हैं.