ब्रिटेन के नए मंत्रिमंडल में केवल एक भारतीय मूल की महिला मंत्री, कितना जानते हैं इनके बारे में आप?
सुएला ब्रेवरमैन का राजनीतिक सफर 2005 में शुरू हुआ था. 2015 में वे फेयरहेम से सांसद बनीं. बोरिस सरकार में 2020 में अटॉर्नी जनरल बनीं.
ब्रिटेन में प्रधानमंत्री चुनाव खत्म हो गए हैं. लिज ट्रस देश की नई प्रधानमंत्री चुनी गई हैं. ट्रस ब्रिटेन की 56वीं और तीसरी महिला प्रधानमंत्री हैं. चुनाव में उन्होंने भारतीय मूल के ऋृषि सुनक को मात दी. अब चर्चा उनके नए मंत्रिमंडल की हो रही है, क्योंकि पहली बार उच्च मंत्री पदों पर अश्वेतों का बोलबाला है. इसमें एक नाम सुएला ब्रेवरमैन भी शामिल हैं, जो एक मात्र भारतीय मूल की महिला मंत्री हैं. इससे पहले बोरिस जॉनसन के मंत्रिमंडल में प्रीति पटेल वित्त मंत्री थी, जिन्हे होम मिनिस्ट्री मिली थी.
भारतीय मूल की सुएला एकमात्र महिला मंत्री
खास बात यह है कि प्रधानमंत्री के रेस में सुएला ब्रेवरमैन भी शामिल थी. लेकिन रेस से बाहर होने के बाद उन्होंने लिज ट्रस को समर्थन दे दिया. सुएला का जन्म लंदन में ही हुआ। उनकी परवरिश वेंबले में हुई इसलिए उनके पास ब्रिटिश नागरिकता है। वे हिंदू-तमिल परिवार से हैं. उनके पेरेंट्स 1960 के दशक में केन्या और मॉरिशस से ब्रिटेन आए थे। उनकी स्कूली पढ़ाई लंदन के हीथफील्ड स्कूल से हुई है और कैम्ब्रिज के क्वीन्स कॉलेज से कानून की पढ़ाई की.
भारतीय मूल के आलोक शर्मा को भी मंत्री पद
लिज ट्रस के मंत्रिमंडल में मंत्री बनने से पहले सुएला बोरिस जॉनसन सरकार में अटॉर्नी जनरल थी. बता दें कि सुएला ब्रेवरमैन का राजनीतिक सफर 2005 में शुरू हुआ था. 2015 में वे फेयरहेम से सांसद बनीं. बोरिस सरकार में 2020 में अटॉर्नी जनरल बनीं. सुएला कंजर्वेटिव पार्टी के ब्रेग्जिट (यूरोप से ब्रिटेन के अलग होने) धड़े की समर्थक रहीं हैं। नए मंत्रिमडल में एक और भारतीय मूल को मंत्री पद मिल है. उत्तर प्रदेश के आगरा में पैदा हुए आलोक शर्मा को कॉप26 का प्रेसिडेंट बनाया गया है. यह पद आलोक शर्मा के पास बोरिस जॉनसन सरकार में भी था. पिछले साल नवंबर में ग्लास्गो में COP26 शिखर सम्मेलन के आयोजन को लेकर उनकी काफी तारीफ हुई थी.
लिज ट्रस के मंत्रिमंडल में अश्वेतों का बोलबाला
बता दें कि लिज ट्रस ने अपने नए मंत्रिमंडल में 4 में से 3 मंत्री पद गैर-ब्रिटिश को दी है. होम मिनिस्ट्री सुएला ब्रेवरमैन, फाइनेंस मिनिस्ट्री क्वासी क्वार्टेंग, फॉरेन मिनिस्ट्री जेम्स क्लेवर्ली को दी गई है. ब्रिटेन के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब शीर्ष मंत्री पदों पर गैर-ब्रिटिश लोगों की संख्या ज्यादा है. मार्गरेट थैचर और थेरेसा के बाद लिज ट्रस देश की तीसरी महिला प्रधानमंत्री हैं.