India-UK FTA: भारत के साथ जल्द डील पूरी करने के पक्ष में ब्रिटेन, ट्रेड मिनिस्टर ने कहा- समझौते का आधा काम पूरा
India-UK FTA: ब्रिटेन के इंटरनेशनल ट्रेड मिनिस्टर निगेल हडलस्टन ने एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि समझौते में आधा काम पूरा हो चुका है और जल्द से जल्द वार्ता को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है.
India-UK FTA: ब्रिटेन चाहता है कि भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर वार्ताओं का दौर जल्द से जल्द पूरा हो जाए, क्योंकि वह हिंद-प्रशांत क्षेत्र के बढ़ते बाजारों पर अपना ध्यान फिर से केंद्रित कर रहा है. हालांकि, ब्रिटेन ने इन करारों के लिए कोई समयसीमा नहीं रखी है. इन करार में सर्विस सेक्टर और निवेश पर समझौता भी शामिल होगा.
ब्रिटेन के इंटरनेशनल ट्रेड मिनिस्टर निगेल हडलस्टन ने एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि समझौते में आधा काम पूरा हो चुका है और जल्द से जल्द वार्ता को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ''हमने FTA को लेकर अच्छी प्रगति की है. हमने समझौते के आधे अध्यायों पर वार्ता पूरी कर ली है. हम गुड्स एंड सर्विसेज दोनों पर व्यापक समझौता चाहते हैं. हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए यह समझौता काफी अहम होगा.’’ उन्होंने कहा,'' भारत के साथ इस एफटीए को हम जल्द से जल्द पूरा करना चाहते हैं क्योंकि हमारे बीच मजबूत ऐतिहासिक संबंध हैं.''
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक बीते सप्ताह संकेत दिए थे कि दोनों देशों का लक्ष्य ''वास्तव में महत्वाकांक्षी व्यापार समझौता'' है. जिस FTA पर पिछले कुछ वर्षों से काम चल रहा है, उम्मीद है कि यह एक व्यापक समझौता होगा जिसमें न केवल माल और सेवाओं के व्यापार, बल्कि निवेश को भी शामिल किया जाएगा. हडलस्टन ने कहा कि ब्रिटेन की 80 फीसदी अर्थव्यवस्था सर्विस सेक्टर पर निर्भर है.
विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार 3,100 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला ब्रिटेन लंबे समय से सर्विस सेक्टर का केंद्र रहा है. दुनिया के सबसे बड़े वित्तीय बाजारों में से एक लंदन लंबे समय से वैश्विक बाजारों से धन जुटाने के लिए भारतीय कंपनियों को आकर्षित करता रहा है. समझौते के मुख्य बिंदुओं पर पूछे गए सवाल को लेकर मंत्री ने कहा,''यह वार्ताओं का दौर है और मैं अपने पत्ते नहीं खोल सकता.'' समझौते में शराब, वाहन जैसे उप-करारों के बारे में मंत्री ने कहा कि हम शुल्कों को नीचे लाना चाहते हैं. हमारा करार न सिर्फ शुल्क पर बल्कि गैर-शुल्क अड़चनों पर भी है. उन्होंने कहा कि कारोबार सुगमता के लिए कागजी कार्रवाई को कम करना होगा और डिजिटल हस्ताक्षर को बढ़ाना होगा. निगेल हडलस्टन को गत फरवरी में अंतररष्ट्रीय व्यापार मंत्री नियुक्त किया गया था.
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