India-EFTA trade pact: चार यूरोपीय देशों के समूह EFTA के साथ भारत का मुक्त व्यापार समझौता होने से बायलेटर ट्रेड, निवेश, जॉब क्रिएशन और आर्थिक ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा. सोमवार को एक आधिकारिक बयान में यह उम्मीद जताई गई. इस समय ब्रसेल्स के दौरे पर गए वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ईएफटीए के चारों सदस्य देशों के प्रतिनिधियों के साथ व्‍यापक व्यापार समझौते से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की. 

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यूरोपीय देशों के इस समूह में आइसलैंड, लीकटेंस्टीन, नॉर्वे और स्विट्जरलैंड शामिल हैं. इसके पहले बीते 26 अप्रैल को भारत और ईएफटीए ने व्यापार समझौते पर बातचीत बहाल करने से संबंधित तौर-तरीकों पर चर्चा की थी. बातचीत पूरी होने के बाद जारी एक प्रेस बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने व्यापक व्यापार एवं आर्थिक भागीदारी समझौता (TEPA) करने की दिशा में प्रयास जारी रखने से संबंधित बिंदुओं पर चर्चा की. 

बयान के मुताबिक, दोनों पक्षों ने अपने प्रयास तेज करने और बातचीत की प्रक्रिया जारी रखने के साथ ही अगले कुछ महीनों में इस तरह की कई बैठकों के आयोजन पर सहमति जता. इसमें व्यापार समझौते में शामिल अहम मसलों पर समझ विकसित करने पर भी जोर दिया गया. दो पक्षों के बीच होने वाले मुक्त व्यापार समझौते को आधिकारिक तौर पर टेपा कहा जाता है.  

इस तरह के समझौतों में दोनों कारोबारी पक्ष एक-दूसरे के आयात पर सीमा शुल्क को शून्य या सीमित करने के साथ ही सेवाओं का निर्यात और निवेश बढ़ाने पर सहमत होते हैं.  ईएफटीए में शामिल ये चारों देश यूरोपीय संघ का हिस्सा नहीं हैं. इन देशों को भारत का निर्यात अप्रैल 2022- फरवरी, 2023 के दौरान 1.67 अरब डॉलर रहा जबकि इस अवधि में भारत ने 15 अरब डॉलर का आयात किया. 

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