कौन हैं हूती विद्रोही, जो बार-बार समुद्री जहाजों पर कर रहे हैं हमला? जानिए भारत के लिए क्यों बने सिरदर्द
हिंद महासागर और दक्षिण लाल सागर पर हूती विद्रोहियों द्वारा समुद्री जहाजों को निशाना बनाया जा रहा है. इसके पीछे हूती विद्रोहियों का हाथ माना जा रहा है. जानिए कौन हैं ये हूती विद्रोही, जो भारत के लिए भी बन रहे हैं सिरदर्द.
Houthi Rebels: हिंद महासागर पर इजरायल से संबद्ध जहाज MV Chem Pluto पर ड्रोन हमला हुआ है. ये भारतीय समु्द्री सीमा के बेहद करीब था. इसके अलावा दक्षिणी लाल सागर में ‘एमवी साईबाबा’ जहाज कथित तौर पर ड्रोन हमले की जद में आया है. दोनों ही जहाजों में कच्चा तेल था. इन हमले का जिम्मेदार ईरान समर्थित यमन के हूती विद्रोहियों को माना जा रहा है. गौरतलब है कि ये विद्रोही फिलिस्तीनी चरमपंथी संगठन हमास का समर्थन करते हैं. ऐसे में ये लगातार इजरायल से संबंधित जहाजों को निशाना बना रहे हैं. इस कदम से समुद्री मार्ग पर वैश्विक कारोबार प्रभावित हो रहा है.
Houthi Rebels: शिया जैदी समुदाय से रखते हैं ताल्लुक, हिज्बुल्लाह और हमास करते हैं समर्थन
हूती यमन के शिया जैदी समुदाय से ताल्लुक रखते हैं. यमन में ये अल्पसंख्यक समूह है. इसका गठन साल 1990 में तत्कालीन राष्ट्रपति अब्दुल्लाह सालेह के भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए हुआ था. इसके संस्थापक हुसैन अल हूती थे, जिनके नाम पर ही इस संगठन का नाम पड़ा. हूती विद्रोही अमेरिका और इजरायल को अपना दुश्मन मानते हैं. वह ईरान के हिज्बुल्लाह और इजरायल के हमास को समर्थन करते हैं. साल 2014 में हूती राजनैतिक रूप से यमन में काफी मजबूत हुए थे.
Houthi Rebels: 2015 में यमन के सादा प्रांत पर किया था नियंत्रण, सना पर किया था कब्जा
साल 2015 में हूती विद्रोहियों ने यमन के सादा प्रांत पर नियंत्रण कर लिया था. विद्रोहियों ने राजधानी सना पर कब्जा कर लिया. इसके बाद राष्ट्रपति हादी यमन छोड़कर विदेश भाग गए. सऊदी अरब ने सैन्य दाखिल कर हूती विद्रोहियों को हटाया और फिर से हादी सत्ता में आए. साल 2017 में हूती विद्रोहियों ने अली अब्दुल्लाह सालेह की हत्या कर दी थी. हूती खुद को ईरान का सहयोगी बताते हैं. अमेरिका और इजरायल के अलावा वह सऊदी अरब को भी दुश्मन मानता है. यमन का ज्यादातर आबादी हूती के नियंत्रण में रहते हैं.
Houthi Rebels: भारत के लिए बनते जा रहे हैं चिंता का सबब, समुद्री व्यापार के लिए खतरा
हूती विद्रोही भारत के लिए भी चिंता का सबब बनते जा रहे हैं. 19 दिसंबर को पीएम नरेंद्र मोदी ने इजरायली पीएम बेंजामेन नेतन्याहू से बात की थी. उन्होंने समुद्री यातायात के सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की थी. हूती विद्रोहियों के निशाने में कच्चे तेल से लदे जहाज है. पिछले दो हमले भी उन जहाजों पर किए जिनमें ऑयल टैंकर थे. ऐसे में कच्चे तेल के दाम में बढ़ोत्तरी हो रही है. खासकर लाल सागर में दुनिया का 12 फीसदी कारोबार होता है.