पाकिस्तान (Pakistan) की मुश्किलें कम होने के बजाय लगातार बढ़ती ही जा रही हैं. पहले से ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान पर कोरोना वायरस भी कहर बनकर टूट रहा है. ऊपर से अब एफएटीएफ (Financial Action Task Force) ने उस पर और ज्यादा सख्ताई दिखाई है. 

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आतंक को धन मुहैया कराने (terror financing) व धनशोधन (money laundering) पर लगाम लगाने की कवायद के तहत फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तान पर कुछ नई शर्ते लगाई हैं जिनका पालन उसे करना होगा। 'जंग' में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, एफएटीएफ की नई शर्तो में पाकिस्तान से कहा गया है कि विदेश यात्रा करने वाले पाकिस्तानियों का डेटा बैंक बनाया जाए जिसमें इसे खास रूप से दर्ज किया जाए कि विदेश यात्रा करने वाला अपने साथ कितनी करेंसी और कौन से कीमती सामान लेकर गया था.

एफएटीएफ ने साथ ही कहा है कि ऐसे व्यक्ति के टिकट और विदेश में इसके द्वारा खर्च किए गए धन का विवरण भी देना होगा. यह भी बताना होगा कि विदेश में जो धन खर्च किया गया, वह कहां से अर्जित किया गया था. संबंधित व्यक्ति के पारिवारिक कारोबार का ब्योरा भी देना होगा.

अखबार की रिपोर्ट में बताया गया है कि इन शर्तो पर अमल के लिए तस्करी रोधी अधिनियम में बदलाव अगले हफ्ते होने की संभावना है.

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गौरतलब है कि पाकिस्तान अपनी तमाम कोशिशों के बावजूद एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट (FATF grey list) से निकलने में कामयाब नहीं हो सका है. एफएटीएफ की बीते महीने पेरिस में हुई बैठक में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बनाए रखने का फैसला किया गया. पाकिस्तान को सिर्फ चार महीने की मोहलत देते हुए चेतावनी दी गई कि अगर जून, 2020 तक उसने आतंक वित्तपोषण व धनशोधन रोकने के लिए एफएटीएफ द्वारा दी गई कार्ययोजना पर पूरी तरह से अमल नहीं किया तो फिर उसे ग्रे लिस्ट से निकालकर ब्लैक लिस्ट में डाला जा सकता है जिसके नतीजे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए घातक होंगे.